जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर): गोली लगने से घायल चचेरे भाई की जान बचाने के लिए जल्दबाजी 30 वर्षीय प्रदीप यादव की मौत का कारण बन गई। सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। रात भर प्रदीप का शव रखा रहा। रविवार को मुंबई से माता-पिता के आने के बाद शव की अंत्येष्टि की गई। दोनों घटनाओं से मचे कोहराम के चलते दूसरे दिन भी कई घरों में चूल्हे नहीं जले।
खानापट्टी गांव की अमिलहां बस्ती निवासी प्रदीप यादव को शनिवार को दोपहर एक बजे खबर मिली कि उनके चाचा के पुत्र 21 वर्षीय सूरज यादव को बक्शा थाना क्षेत्र के डीह जहनियां गांव के पास पैर में गोली मार दी गई है। इससे प्रदीप घर से कपड़े व अन्य सामान लेकर सूचना देने सिकरारा थाने पहुंचे। वहां से तेजी बाइक लेकर जिला अस्पताल के लिए चल पड़े। सिकरारा चौराहा पर स्कूटी से टकराकर समेत गिरने से उनकी जान चली गई। प्रदीप के पिता राम नारायण यादव मुंबई में दूध का कारोबार करते हैं। प्रदीप की मौत की खबर लगते ही मां कलझारी देवी व पत्नी सुमन रोते-रोते बेसुध होकर गिर पड़ीं। बड़े भाई बृजेश यादव व छोटे संजय माता-पिता के साथ मुंबई में हैं। उनको हादसे की सूचना दे दी गई है। प्रदीप की शादी दो वर्ष पहले हुई थी। उनकी एक सात महीने की दुधमुंही बच्ची है। पोस्टमार्टम के बाद शाम को प्रदीप का शव सिकरारा चौराहा स्थित एक निजी विद्यालय परिसर में रखा रहा। रविवार को विमान से माता-पिता बाबतपुर और वहां से दोपहर घर पहुंचे। जवान बेटे का शव देखते ही माता-पिता फूट-फूटकर रोने लगे। इसके बाद स्वजन शव रामघाट ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
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