बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बागपत के महाभारतकालीन ऐतिहासिक पक्का घाट स्थित भगवान परशुराम भवन में चल रही पांच दिवसीय श्री हनुमान कथा का भव्य समापन हुआ। कथा में देश के प्रसिद्ध कथा वाचक - कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने भगवान श्रीराम और उनके परमभक्त श्रीहनुमान जी की महिमा का गुणगान किया। कथा में जहां एक और श्रीहनुमान की लीला प्रमुखता से छाई रही, वहीं दूसरी और भगवान श्रीराम के माता-पिता की महानता को विशेष तौर पर वर्णित किया गया। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन के निस्वार्थ भाई प्रेम पर प्रकाश डालते हुए उनसे शिक्षा लेने की बात कही। बताया कि भगवान श्री राम के पास सब कुछ था, लेकिन माता-पिता के एक आदेश पर समस्त ऐश्वर्य और वैभव का एक क्षण में त्याग कर दिया और जंगलो की राह पकड़ ली। कहा कि अगर हम भी उनकी भांति अपने माता-पिता का सम्मान करने लगे तो यह धरती ही स्वर्ग बन जाएगी। कथा में हनुमान जी की भगवान श्री राम के प्रति प्रभुभक्ति, भक्त की शक्ति, गुरूओं के प्रति-आदर सम्मान, माता सीता के जीवन से पति के प्रति दायित्व और एक पत्नी के कर्त्तव्य जैसी अनेकों शिक्षाप्रद बातों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। कथा में आये श्रद्धालुओं ने कथा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अरविन्द भाई ओझा के श्रीमुख से कही श्रीहनुमान कथा ने सबका मन मोह लिया। बागपत के पक्का घाट में पुरामहादेव गांव स्थित निर्माणाधीन परशुराम खेड़ा मन्दिर के सहयोग के लिए चल रही हनुमान कथा में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर जमनादास गुप्ता, प्रसिद्ध आईएएस अधिकारी व बागपत के वर्तमान डीएम डॉ राजकमल यादव, देवमुनि महाराज, अखिल भारतीय ब्राहमण महासभा से पंडित राजपाल शर्मा, अंग्रेजी भाषा के जाने-माने विद्वान और श्री यमुना इण्टर कॉलिज बागपत के पूर्व प्रधानाचार्य जयपाल शर्मा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ स्तर के पूर्व एवं वर्तमान पदाधिकारियों सहित विभिन्न जनपदों से आयी राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी अनेकों जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की।
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