आवारा गोवंश से निजात दिलाने के लिए एक्शन में डीएम, सड़कों पर न घूमने पाएं, तय हुई जिम्मेदारी जाने क्या है प्लान
गोंडा योगी सरकार के लाखों प्रयास के बावजूद आवारा गोवंश का समुचित संरक्षण नहीं हो पा रहा है। जिससे यह छुट्टा जानवर जहां एक तरफ किसानों की फसलों को चट कर उन्हें बर्बाद कर रहे हैं। वही आए दिन इनके कारण तमाम लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। उनका संरक्षण करने के लिए डीएम ने सख्त निर्देश दिए हैं
गोंडा
Published: April 18, 2022 09:20:39 pm
जनपद में संचालित सभी 60 गौ आश्रय स्थलों में उनकी क्षमता के अनुसार गौ वंशों का संरक्षण किया जाय, आवारा गौवंश सड़कों पर न घूमने पाएं, गौवंशों की शत-प्रतिशत टैगिंग कराई जाय तथा संचालित गौ आश्रय केन्द्रों में सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित कराएं। डीएम डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने सोवमार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित गौआश्रय स्थलों एवं गौ संरक्षण से संबधित बैठक मेें सभी खण्ड विकास अधिकारियों, एडीओ पंचायत व पशु पालनव विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
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उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यह संज्ञान में आया है कि गौ आश्रय स्थलों पर व्यवस्थाओं के संबन्ध में पंचायत सचिवों, ग्राम प्रधानों तथा पशु पालन विभाग के अधिकारियों द्वारा रूचि नहीं ली जा रही है। जिससे गौ वंशों का संरक्षण शासन की मंशानुसार नही हो पा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ब्लाकों के बीडीओ व पशुपालन विभाग के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में संचालित गौशालाओं का साप्ताहिक निरीक्षण करें तथा उसकी रिपोर्ट सीडीओ को फोटोग्राफ्स के साथ उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि किसी भी गौशाला में लापरवाही के कारण गौवंश की मृत्यु होती है। तो इसके लिए सीधे तौर पर बीडीओ व सहायक पशु चिकित्साधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए गौशालाओं में संरक्षित गौ वंशों का टीकाकरण कराएं। इसके साथ ही हरे चारे की बुआई भी कराएं जिससे गौवंश कमजोर न रहें। गौवंशों का शत-प्रतिशत बन्ध्याकरण भी कराया जाय।
गोंडा रिपोर्ट- प्रशांत मिश्रा।
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