उतरौला(बलरामपुर)
बदल रहे मौसम के कारण बीमारियों का असर बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा असर वायरल फीवर का दिख रहा है। हर दिन सैकड़ों मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंच रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बीच वायरल फीवर की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. चंद्र प्रकाश बताते हैं कि ऐसे मौसम में संक्रमण, जीवाणु-विषाणु जनित रोग व जल जनित रोग तेजी से फैलते हैं। 
सावधानी अपना कर ही इनसे बचा जा सकता है। वायरल बुखार होने की दशा में काढ़े का सेवन सबसे ज्यादा प्रतिरोधी उपाय है। इसके अतिरिक्त वायरल बुखार से पीड़ित व्यक्ति को मास्क लगाना जरूरी है क्योंकि यह तेजी से अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। चिकित्सक की सलाह पर ही पैरासिटामोल व एंटीबायोटिक दवाएं ली जानी चाहिए। चिकित्सा अधिकारी एसडी भारती बताते हैं कि मच्छरों द्वारा मलेरिया, टायफायड, पीलिया फैलाने वाले वायरस व बैक्टीरिया अपना प्रभाव दिखाते हैं। घरों के आस-पास पानी का जमाव न होने दें। पानी को उबाल कर पियें। मच्छरों से बचने के पर्याप्त उपाय करें।  रिबन वर्म व हुक वर्म के अंडे शाक-सब्जियों में चिपक जाते हैं। कम ताप पर पकने वाली या कच्ची खाई जाने वाली सब्जियां पालक, चुकंदर, मूली का सेवन करने से पहले अच्छी तरह सफाई करें।
वहीं खुले में रखे कटे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। चिकित्साधिकारी डॉ. विजय कुमार बताते हैं कि बच्चों के ठंड से बचाव‌ के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय न अपनाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कंजक्टिवाइटिस, खसरा जैसी बीमारियां इनमें तेजी से फैलती हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है।
असग़र अली
उतरौला

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