*संचारी रोग नियंत्रण के लिए कृषि रक्षा विभाग संचालित करेगा अभियाऩ*

* संवादाता/ राम कुमार यादव*

बहराइच। जापानी इन्सेफलाइटिस/एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिन्ड्रोम (जेई/एईएस) जैसे घातक व संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए 30 अप्रैल 2022 तक संचालित होने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान कृषि विभाग द्वारा जेई/एईएस रोग के वाहक/वेक्टर के रूप में कार्य करने वाले चूहों के नियन्त्रण के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम की कार्ययोजना तैयार की गयी है।
यह जानकारी देते हुए जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में अधिक जोखिम वाले जनपद बहराइच में कृषि रक्षा अनुभाग कृषक गोष्ठी/वार्ता, प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को कृतंक नियंत्रण के सुरक्षित उपायों के बारे में जागरूक करेगा। इस कार्य के लिए समस्त न्यायपंचायतों में 135 कार्मिकों तथा पर्येवक्षणीय दायित्व के लिए ब्लाक स्तर पर 26 कृषि रक्षा पशु सहायक विकास अधिकारियों की भी ड्यूटी लगायी गयी है। श्री वर्मा ने बताया कि कृतंक नियंत्रण के लिए जनपद की कृषि रक्षा इकाईयों पर उपलब्ध कृषि रक्षा रसायन जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत तथा एल्युमिनियम फास्फाइड 56 प्रतिशत का कृषकों में 50 प्रतिशत अनुदान पर वितरण भी कराया जा रहा है। श्री वर्मा ने बताया कि कृतंक नियंत्रण के लिए जनपद के निजी कीटनाशी प्रतिष्ठानो पर उपलब्ध कृृषि रक्षा रसायन जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत तथा एल्युमिनियम फास्फाइड 56 प्रतिशत के माध्यम से संचारी रोगो की रोकथाम किया जा रहा है। 
कृषि रक्षा अधिकारी श्री वर्मा ने कृषकों को सुझाव दिया है कि कृषि रक्षा रसायन का प्रयोग करते हुए एक बिल/छेद के लिए 01 ग्राम दवा में 1.0 ग्राम सरसों का तेल व 50 ग्राम सूखा भुना आटा मिलाकर चूहे के बिल/छेद के पास या घर के कोने में रखं और अगले दिन निरीक्षण करें। चूहे के न मरने की दशा में पुनः उक्त रसायन का प्रयोग करें। यदि चूहा मरता है तो उसे ज़मीन में गड्ढा खोदकर दबा दें। श्री वर्मा ने किसानों को सुझाव दिया कि कृषि रक्षा रसायनों को बच्चों की पहुॅच से दूर रखें, पूरी सावधानी के साथ प्रयोग करें, रसायनों का प्रयोग करते समय हाथ में दस्ताने पहने और प्रयोग करने के पश्चात हाथ-मुॅह को अच्छी तरह से साबुन से धुल लें।
श्री वर्मा ने बताया कि कृषक कीट/रोग सम्बन्धित किसी भी समस्या/सुझाव हेतु सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी.सी.एस.आर.एस.) के नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसएप या टेक्सट मैसेज कर कीट/रोग के नियन्त्रण के सम्बन्ध में सलाह प्राप्त कर सकते है। समस्या लिखते समय कृषकों अपना पूरा नाम व पूरा पता (ग्राम, विकासखण्ड एवं तहसील आदि का नाम) भी अंकित करना होगा। समस्या का समाधान 48 घण्टे के भीतर कर दिया जाएगा।

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