उतरौला (बलरामपुर)
पिछले सप्ताह की छह तारीख को अधिवक्ताओं व तहसीलदार के बीच बना गतिरोध समाप्त होने के बाद एक बार फिर शनिवार को अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस बार तहसीलदार, तहसीलदार कोर्ट के अहलमद व फौजदारी अहलमद के स्थानांतरण तक सभी राजस्व न्यायालयों व रजिस्ट्री बैनामा कार्य के अनिश्चित कालीन बहिष्कार की घोषणा की गई है। शनिवार को आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तहसीलदार के कोर्ट समेत सभी कक्षों में तालाबंदी कर नारेबाजी की। अधिवक्ता संघ सभागार में अधिवक्ताओं ने आवश्यक बैठक आहूत कर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अधिवक्ता संघ के महामंत्री अखिलेश सिंह ने बताया कि तहसील के लगभग सभी पटलों पर फैले भ्रष्टाचार समाप्त करने, लंबे समय से तहसील में तैनात कर्मचारियों को हटाने व तहसीलदार का स्थानांतरण कराने के मुद्दे पर सभी अधिवक्ता एक स्वर से सहमत रहे।  सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों को यहां से हटाया नहीं जाता तब तक तहसील के सभी राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार जारी रहेगा। रजिस्ट्री बैनामा का काम भी नहीं होगा। आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ संघ निष्कासन की कार्रवाई करेगा। 
बैठक में अध्यक्ष प्रहलाद यादव, बेनीमाधव तिवारी, इजहारुल हसन, वैभव द्विवेदी, आलोक कुमार, अमित कुमार, महेंद्र पांडेय, खलील खां, धर्मराज यादव, अब्दुल मुईद सिद्दीकी समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
असग़र अली
उतरौला

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