रामनवमी मेले को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की संख्या बढ़ाई।
रामनवमी मेले को लेकर उ.प्र सरकार ने जिला प्रशासन को अयोध्या के सुरक्षातंत्र को मजबूत बनाये जाने के लिए आदेश के अनुसार जिला प्रशासन ने सुरक्षा की पुख्ता तैयारी कर ली है। प्रशासन ने निगरानी के लिए मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों के साथ खुफिया एजेंसियां भी अपनी जिम्मेदारी संभाल रही हैं।इस बार राममंदिर निर्माण कार्य होने की वजह से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की संभावना ज्यादा है, लिहाजा इस बार मेले में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने उनकी सुरक्षा एवं निगरानी की व्यवस्था भी की गई है। आईजी रेंज केपी सिंह ने रामनगरी के आसपास के जिलों से भी समन्वय बना कर निगरानी के निर्देश जारी किये हैं। रामनवमी मेले में सुरक्षा एवं निगरानी के लिए एक हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी अयोध्या राम मंदिर निर्माण के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में मोर्चा संभालेंगे। श्रद्धालुओं के अधिक संख्या में आगमन को देखते हुए इस बार पैरामिलिट्री फोर्स की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक लगाई जायेगी|रामनगरी में भीड़ को नियंत्रण करने के लिए लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं। गत दिनों रामनवमी मेला की तैयारी बैठक में मुख्यमंत्री से मिले दिशा-निर्देशों के आधार व्यवस्था में विस्तार देखने को मिलेगा। रामनवमी मेले में निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे की भी मदद ली जाएगी। मेले में भीड़ बढ़ने पर पुराने सरयू पुल पर यातायात बंद करने का भी निर्णय लिया जाएगा। यह व्यवस्था अष्टमी एवं नवमी के दिन तय मानी जा रही है। जिले की सीमा से भारी वाहनों के डायवर्जन पर भी पुलिस- प्रशासन विचार कर रहा है। मेला क्षेत्र में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है, लेकिन अष्टमी एवं नवमी को सुरक्षा घेरा और भी सख्त दिखेगा। आरएएफ, एसएसबी के साथ बड़ी संख्या में पीएसी के जवान मोर्चा संभालेंगे। इस बार सात कंपनी पीएसी उपलब्ध कराई गई है। पिछले वर्षों में छह कंपनी पीएसी ही आती थी। सरयू नदी में होने वाले हादसों पर नियंत्रण के लिए राज्य आपदा मोचक बल की तैनाती की गई है | रामनवमी मेले के लिए जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन ने भी रामनगरी की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी कर ली है |
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