न्यूज रणजीत जीनगर
सिरोही :- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मान्यवर चौधरी विकास पटेल द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर 3 चरणों में आंदोलन घोषित किया जिसके  अंतर्गत 31 राज्यों के 563 जिलों में दूसरे चरण के तहत महामहिम राष्ट्रपति के नाम विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला संयोजक मान्यवर दशरथ सिंह  आढा के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी की जाति आधारित जनगणना नहीं होगी ऐसा हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया इसके विरोध में  महामहिम  राष्ट्रपति को  ज्ञापन  सौपा  गया।  ज्ञापन में एडवोकेट ने बताया कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं की ओबीसी की जाति आधारित गिनती की जाए ओबीसी के आंकड़े इकट्ठा करना जरूरी है इसके बावजूद भी ओबीसी के आंकड़े  इकट्ठे नहीं किए जा रहे हैं यह ओबीसी को विकास से वंचित रखने का षड्यंत्र है । एक ओबीसी का प्रधानमंत्री ओबीसी के विरोध में हलफनामा कैसे दाखिल कर सकता है । ज्ञापन में ईवीएम घोटाले के विरोध में तथा निजी क्षेत्रों में एससी एसटी ओबीसी को आरक्षण लागू करने, एमएसपी का गारंटी कानून बनाकर किसानों को देने, एनआरसी  एनपीआर सीएए के विरोध में ,पुरानी पेंशन स्कीम पुनः बहाल करने के समर्थन में, मध्य प्रदेश उड़ीसा और झारखंड में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में सेपरेट इलेक्टोरेट लागू करने, विकास के नाम पर, पर्यावरण संरक्षण के नाम पर,  जानवरों के संरक्षण के नाम पर, आदिवासियों को उनके जल जंगल और जमीन से विस्थापित करने के विरोध में, लॉकडाउन में चुपके से मजदूरों के खिलाफ बनाए गए श्रम कानूनों के विरोध में, तथा जबरदस्ती दबाव बनाकर वैक्सीनेशन करने के विरोध में उपरोक्त ज्ञापन सौंपा गया। 
ज्ञापन मे राजस्थान में एससी एसटी ओबीसी धार्मिक अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के विरोध में बहुजन क्रांति मोर्चा के एडवोकेट सुंदरलाल मौसलपुरियां ने बताया कि पाली के बारवा गांव में जितेंद्र पाल की दो ब्राह्मण युवकों द्वारा मूछ रखने पर जातीय मानसिकता के कारण हत्या कर दी गई , उसे तुरंत न्याय दिलाने की मांग की है। राजस्थान में इस तरह के वर्ष 2021 से सितंबर तक कुल 5740 प्रकरण दर्ज  हुए है  उनमे  त्वरित कार्यवाही की मांग की गई। कोविड-19 के दौरान लगाए गए 28000 सीएचए को वर्तमान में राजस्थान सरकार द्वारा हटा दिया गया है, उन्हें पुनः लगाकर स्थाई करने की मांग भी की गई। ज्ञापन में कार्मिक विभाग द्वारा लागू पूर्व सैनिक अधिनियम 2018 के नियम बिंदु संख्या दो कि उप संख्या दो में संशोधन करवाने तथा डीएनपी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का परीलाभ दिलाने के समर्थन में तथा टीएसपी क्षेत्र में आने वाले जिलों में संख्या के अनुपात में, सरकारी नौकरियों में, ओबीसी को प्रतिनिधित्व (आरक्षण) देने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक मान्यवर सुंदरलाल मौसलपूरियां, एडवोकेट दशरथ सिंह चारण, भारतीय युवा मोर्चा के मान्यवर यशराज सापेला, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के मान्यवर मोहनलाल मंडवारिया, राष्ट्रीय आदिवासी एकता  पारिषद  के जिला संयोजक मोहन लाल मीना, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के जिला संयोजक मान्यवर हाजी अब्दुल मजीद कुरेशी, इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन के जिला संयोजक मान्यवर आनंद देव सुमन एडवोकेट प्रफुल्ल माली, एडवोकेट हरिओम दत्ता, एडवोकेट दिनेश चौहान, एडवोकेट गोविंद सेन, एडवोकेट ओमप्रकाश दहिया, एडवोकेट प्रदीप कलावंत, एडवोकेट गोविंद राणा, एडवोकेट रामलाल राणा, एडवोकेट कलीम अव्वल, एडवोकेट सिद्धार्थ आड़ा, एडवोकेट संजय माली, एडवोकेट अशोक प्रजापत ,एडवोकेट नरेंद्र सिंह चारण, एडवोकेट रतन लाल सूर्याल, एडवोकेट मुन्नवर हुसैन, एडवोकेट शैतान भाटी आदि की उपस्थिति रही।

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