*रामनवमी को अयोध्या में पहुंचे करीब पांच लाख श्रद्धालू, आगमन जारी*

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अयोध्या- रामनवमी का मुख्य पर्व आज रविवार को मनाया जाएगा। रामलला के प्राकट्योत्सव में शामिल होने के लिए करीब पांच लाख श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं और अभी श्रद्धालुओं का आगमन जारी है। फिलहाल दो साल के कोरोना काल के बाद तीसरे साल होने जा रहे रामनवमी मेला में जिस प्रकार अपार भीड़ उमड़ने की संभावना थी, वह तो नहीं आई। इसके चलते जिला प्रशासन के अफसर खुश हैं कि उनका सिरदर्द कम हो गया। यही कारण है कि रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शनार्थियों के पूर्व निर्धारित मार्ग में कोई बदलाव नहीं किया गया।

यहां तक कि हनुमानगढ़ी से होकर रामजन्मभूमि जाने वाले मार्ग पर भी कोई रोक नहीं लगाई गयी। उधर हनुमानगढ़ी के दर्शनार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हनुमानगढ़ी में भीड़ को ध्यान में रखकर प्रवेश और निकास के मार्ग को अलग-अलग निर्धारित किया गया था लेकिन वापसी के मार्ग से निकलकर श्रद्धालु हनुमानगढ़ी दोबारा न पहुंचे, इसके लिए मुख्य मार्ग से दंतधावन कुंड मार्ग होकर रायगंज जैन मंदिर से श्रद्बालुओं को तपस्वी छावनी चौराहे पर भेज दिया गया। यह रास्ता इतना लंबा था कि श्रद्धालुओं को कड़ी धूप में अपने गंतव्य पर पहुंचने में खासा समय लग गया। प्रसाद की दुकानों पर जूते-चप्पल व सामान छूटे सो अलग। यही नहीं श्रद्धालु अपने परिजनों से भी पिछड़ गये।

*भीड़ के अंदेशे से यातायात नियन्त्रण की तय नीति पर किया गया अमल*

रामनवमी मेला में भारी भीड़ के अंदेशे में यातायात नियन्त्रण की जो व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से तय की गयी थी। यह व्यवस्था मुख्य पर्व के 24 घंटे पहले से लागू कर दी गयी। इसके कारण अयोध्या कैंट से आने वाले सभी सवारी वाहनों को उदया चौराहे पर ही रोक दिया गया। इसके कारण मेलार्थियों ही नहीं स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी हुई। खासकर परीक्षार्थियों को तो समय से परीक्षा में पहुंचने और फिर वापस लौटते हुए अपने घर पहुंचने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी। यहां बताते चलें कि पुलिस प्रशासन ने मुख्य मार्ग पर वाहनों को निषिद्ध करने के लिए सभी प्रमुख सम्पर्क मार्गों के रास्तों पर ट्राली बैरियर बांधकर उन्हें बंद कर दिया है।

इसी कड़ी में मुख्य मार्ग पर हनुमानगढ़ी तिराहा व दंतधावन कुंड मोड़ पर सड़क के बीचोबीच चैनल व ट्राली बैरियर लगाकर पूरे रास्ते को बंद कर दिया गया। यहां सिविल पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया था। यह जवान नयाघाट से आने वाले वाहनों को वापस उसी मार्ग पर लौटा दे रहे थे अन्यथा अगल-बगल की गलियों में जाने के लिए मजबूर करते रहे।

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