औरैया // यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा समाप्त होने के बाद अब विभाग प्रयोगात्मक परीक्षा की तैयारी में जुट गया है विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्कूलों की लैब दुरुस्त कराना होगा जब लैब ही सही नहीं होगी तो छात्र प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी कैसे पूरी करेंगे हकीकत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर स्कूलों में प्रयोग करने के लिए लैब में न ही उपकरण है और ही केमिकल छात्रों को सिर्फ फाइलें बनवाकर ही परीक्षाओं को संपन्न कराकर कोरम पूरा करा लिया जाता है बोर्ड परीक्षा में पहली बार ऐसा हो रहा है कि लिखित परीक्षा के बाद प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी जिले में करीब 37 सरकारी, 58 सहायता प्राप्त और वित्त विहीन के 295 स्कूल जिले में संचालित हैं इसमें वित्तविहीन व सरकारी के कुछ स्कूलों को छोड़कर अन्य किसी भी स्कूल में प्रयोगशालाओं की सही व्यवस्था नहीं है स्थिति यह है कि परखनलियां तक टूटी हैं साल 2021-22 की प्रयोगात्मक परीक्षाएं पहले फरवरी माह में होेना प्रस्तावित थी, लेकिन नहीं हो सकीं अभी तारीख नहीं आई हैं, इसलिए आईओएस ने जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को लैब दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं ताकि इंटरमीडिएट के छात्रों को प्रयोग करने में दिक्कतें न आएं जिले में हाईस्कूल में 21800 परीक्षार्थी व इंटरमीडियट में 18941 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर मालवीय ने बताया कि प्रयोगात्मक परीक्षा के मद्देनजर सभी माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशालाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दे दिया गया है निरीक्षण में कमी यदि कोई मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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