औरैया // खानपुर गाँव में बने मुगल कालीन ऐतिहासिक मील के पत्थरों को भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से कई वर्ष पहले संरक्षित इमारत घोषित करने के बाद उसी हालत में छोड़ दिया गया है भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से नियमों से संबंधित बोर्ड भी लगाया गया था जो अब गायब है पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते अराजकतत्व इन संरक्षित इमारतों को लगातार हानि पहुँचा रहे हैं बाबरनामा के अनुसार, शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर बीहड़ी गाँव पैगंबरपुर में मुगलकाल के दौरान दिल्ली जाते समय बाबर की फौज औरैया जिले की सीमा से होकर गुजरी थी दिल्ली जाने के दौरान फौज जिस जिस रास्ते से गुजरी, उसने उसी रास्ते से वापस लौटने के लिए चिह्न के रूप में मील के पत्थर बनवाए थे जिससे वापस लौटते वक्त रास्ता न भूलें जरूहौलिया में दो स्थानों पर और पैगंबरपुर गांव में एक स्तूप के आकार में स्थित है जिसको भारतीय पुरातत्व विभाग विभाग ने संरक्षित इमारत का दर्जा देते हुए वहां पर एक चेतावनी बोर्ड भी लगवाया था जिसमें संरक्षित इमारत के आसपास किसी भी प्रकार का निर्माण न कराने व संरक्षित इमारत को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने संबंधी नियम लिखे थे अहम बात यह है कि इन मील के पत्थरों के संरक्षित इमारत घोषित किए आठ साल बीत चुके हैं बावजूद इसके पुरातत्व विभाग ने आज तक इसकी सुध लेनी जरूरी नहीं समझा अब संरक्षित इमारत के नीचे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है यही नहीं अराजकतत्वों ने संरक्षित इमारत के प्लास्टर पर तमाम उल जलूल बातें भी नोंकदार धातु से कुरेदकर लिख दिए हैं ऐसे में यदि जल्द ही इस ओर ध्यान न दिया गया तो संरक्षित इमारत को सुरक्षित रख पाना मुश्किल होगा वहीं जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि संरक्षित इमारत की जर्जर हालत के संबंध में पुरातत्व विभाग को पत्र भेजा जाएगा इसके लिए एसडीएम को निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
औरैया :- एतिहासिक धरोहर को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने हेतु जिलाधिकारी ने कहा पुरातत्व विभाग को जल्द भेजा जाएगा पत्र।
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