पिछले सप्ताह से तहसीलदार के खिलाफ चल रहा आंदोलन गुरुवार को समाप्त हो गया। अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों व एसडीएम-तहसीलदार के बीच हुई वार्ता के बाद गतिरोध समाप्त हुआ।
अधिवक्ता संघ के महामंत्री अखिलेश सिंह ने बताया कि अविवाहित मुकदमों के निस्तारण में देरी, दाखिल खारिज के मामले लंबित रखने व वसीयत-वरासत के मामलों को बेवजह लटकाए रहने के कारण अधिवक्ता आक्रोशित थे। इसके चलते पिछले महीने की 31 तारीख से अधिवक्ता तहसीलदार के न्यायालय का बहिष्कार करते आ रहे थे। गुरुवार को एसडीएम संतोष ओझा ने अधिवक्ताओं को वादकारियों के हित में आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया। कहा कि कार्य बहिष्कार से वादकारियों को अनावश्यक नुकसान उठाना पड़ रहा है। तहसीलदार की मौजूदगी में अधिवक्ताओं ने अपनी समस्याएं उठाई। तहसीलदार प्रवेश कुमार ने आश्वासन दिया है कि अविवादित फाइलों के निस्तारण को समयबद्ध तरीके से निस्तारित किया जाएगा। तीन साल से लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया जाएगा। वरासत व वसीयत वाले आपत्ति विहीन मामलों का भी समाधान कराया जाएगा।
तहसीलदार के आश्वासन के बाद वकीलों ने आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया। अध्यक्ष प्रहलाद यादव, वंशी लाल यादव, वीरेंद्र सिन्हा, इजहारुल हसन, राम सुंदर यादव, महेंद्र पांडेय, परशुराम यादव समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
असग़र अली
उतरौला
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