अमृत योजना से करोड़ों खर्च, फिर भी घरों तक नहीं पहुंचा पानी
अंबेडकरनगरकेंद्र सरकार ने हर घर शुद्ध पानी पहुंचाने के उद्देश्य से अमृत योजना को धरातल पर उतारा था, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह साकार होता नहीं दिखाई दे रहा है।नगर पालिका परिषद क्षेत्र अकबरपुर में 85 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी।नगर इन दिनों भारी पेयजल संकट से जूझ रहा है। पालिका नलों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे रही है। लगातार बढ़ती गर्मी में पानी की अत्यधिक आवश्यकता होने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। कुल मिलाकर कहा जाय तो पानी की किल्लत नगर में शांति बिगाडऩे का काम कर रही है। पटेल नगर स्थित पानी की टंकी से की जा रही जलापूर्ति इस साल के शुरू से बेपटरी हो गई है। वार्ड10 और 11 बस स्टेशन , उसरहवा कॉलोनी में पानी की आपूर्ति सुचारू न होने से नागरिकों के सामने पानी की किल्लत उत्पन्न हो गई है। लोगों के घरों में पानी पहुंच ही नही रहा है। जलकल विभाग में जलापूर्ति के लिए जिम्मेदार अभियंता ओहदे पर किसी की नियुक्ति नही होने से ऐसी समस्या उत्पन्न हुई बताई जा रही है।पानी की समस्या को लेकर पिछले महीनों से ही कई समाज सेवी डीएम और नपाप के अधिकारियों जिम्मेदारों से मिल चुके हैं, परंतु कोरे आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नही हुआ है। उक्त दोनों वार्डों में रहने वालों की अहम समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है।उसरहवा कॉलोनी के अनुराग तिवारी, श्याम बिहारी गुप्ता आदि कई संभ्रांत जन समाज सेवी अनिल मिश्र की अगुआई में ईओ नपाप अकबरपुर और डीएम से मिलकर समस्या से संबंधित शिकायती पत्र दे चुके है। अभी तक समस्या निवारण को कौन कहे नपा के जिम्मेदारों ने वार्ड10 और 11 में झांका तक नहीं। पानी की किल्लत यथावत बनी हुई है। अकबरपुर के उक्त इलाकों में पानी की किल्लत बनी हुई है। सभासदों नपाप के कर्मचारियों, अधिकारियों की चुप्पी शोचनीय है। जिले के हाकिम का ध्यान आकृष्ट कराया जाता है।
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