*आगरा, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, वाराणसी स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन और लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने समर्थन देने का निर्णय लिया है*
*भाजपा के शीर्ष नेताओं /संगठन से मुलाकात की और मुलाकात के दौरान पंचायतों को जो अधिकार आजादी के बाद आज तक नहीं मिले उन अधिकारों को दिलाने व गांव के हालत सुधारने का पूर्ण आश्वासन दिया गया है -चौधरी सुनील सिंह*
*पंचायतों के अधिकार की लड़ाई लड़ने व पंचायतों को उनके अधिकार दिलाने के उद्देश्य से लोकदल व राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह जी ने पंचायत प्रतिनिधियों को भाजपा प्रत्याशियों को वोट देने का ऐलान किया है*।
आज दिनांक 8 अप्रैल 2022 को वर्चुअल बैठक के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों से चौधरी सुनील सिंह ने वार्ता की। वार्ता के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार को दिलाने के लिए आश्वस्त किया और आगामी स्थानीय निकाय के चुनाव में प्रतिनिधियों से कहा है कि सही वोट का प्रयोग करें अपना बहुमूल्य वोट ना बेचे, ताकि गांव को ताकत मिले और गांव की तस्वीर को बदला जा सके।
सपा,बसपा की सरकार में चेहरे पर चेहरे बदलते रहे हैं लेकिन गाॅंव और पंचायतों की स्थिति आज भी बदहाल है इसी के साथ चैधरी सुनील सिंह ने कहा राष्ट्रिय पंचायतीय राज संगठन त्रिस्तरीय पंचायतीय राज संस्थानों एवं ग्राम सभाओं को सषक्त बनाते हुये उन्हे प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार दिलाने के लिए सन् 1997 से संघर्शरत है।
आजादी के बाद आज तक सपा बसपा की सरकार में चेहरे पर चेहरे बदलते रहे हैं लेकिन गाॅंव और पंचायतों की स्थिति आज भी बदहाल है, क्योंकि कोई भी पंचायतों को उनके पूर्ण अधिकार सौपना नहीं चाहती है।
गांधी जी के सपनो का भारत बनाने के उद्देष्य से संविधान का 73वां तथा 74वां संशोधन वर्ष 1993 में किया गया था और उसको लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ दी गई थी। परन्तु आज 28 वर्ष वाद पंचायतों को पूर्ण अधिकार दिये जाने को लेकर राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन और लोक दल के अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह जी की वार्ता भारतीय जनता पार्टी संगठन के शीर्ष नेताओं से होने के बाद यह विश्वास दिलाया गया कि पंचायतों और गांव की तस्वीर बदलने के लिए उनको अधिकार सौंपा जाएगा।
सत्ता के विकेन्द्रीकरण हेतु पंचायतों को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार नहीं सौपे गये। इन वर्षो मे विभिन्न राजनैतिक दलों की सरकारे रहीं, लेकिन विधायकों एवं नौकरशाह पंचायतों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हुये 29 विभागों के अधिकार पंचायतों को नहीं सौप पाये।
हमारे संगठन द्वारा पचायतों को उनके प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार दिलाने के लिए अनेकों बार धरना प्रदर्शन/भूख हड़ताल आदि कर कुछ अधिकार तो दिलाये परन्तु आज भी पंचायतों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं मिल पाये हैं। भाजपा सरकार पंचायतों को उनके अधिकार दिलाने के लिए वचनबद्ध है।
आप सब के सहयोग से 2003 में विधान परिशद जाने का अवसर मुज्ञे प्राप्त हुआ था तब मैनें पंचायतो को उनके अधिकार दिलाने हेतु पूरे प्रयास किये परन्तु विधानसभा में बहुमत न होने के कारण मेरे प्रयासों के बाद भी पंचायतों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं मिल पाये। विधान परिशद में पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा 36 विधान परिशद सदस्य चुने जाते है जिनके उद्देष्य पंचायतों के हितों की बात करना है, परन्तु हमारा दुर्भाग्य है कि जो सदस्य चुनकर जाते है वह व.स.पा./स.पा./कांग्रेस पार्टी में बंधकर रह जाते है। आप पंचायत प्रतिनिधि किसी पार्टी के एहसान से नहीं बल्कि अपनी काबिलियत पर चुने जाते है। समय आने पर सही व्यक्ति को चुनकर अपना प्रतिनिधित्व बनाये जो आपके हितों की लडाई लड़ सके। श्री सिंह ने आगे यह भी कहा है कि पंचायतों के अधिकार की लड़ाई लड़ने को पंचायतों को उनके अधिकार दिलाने के उद्देश्य भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील भी की है।
वेविनार मिटिंग मे वाराणसी,आगरा,फीरोजाबाद,सहारनपुर,मुजफ्फर नगर,भदोही,चंदौली के तमाम पंचायत प्रतिनिधि और पदाधिकारी कार्यक्रता शामिल थे।
अध्यक्षता जयराम पांडेय राष्ट्रीय प्रवक्ता/प्रभारी उत्तर प्रदेश ने किया।
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