नगरपालिका की इतनी बड़ी रकम दबाए बैठा रेल विभाग 10 वर्ष बाद जागे पालिका प्रशासन ने भेजी नोटिस जानकर उड़ जाएंगे होश

गोण्डा नगर पालिका परिषद का 26 करोड़ 40 लाख रुपए सर्विस टैक्स रेलवे विभाग दबाए बैठा है। 10 वर्ष बाद जागे नगर पालिका प्रशासन ने नोटिस भेजकर रकम वसूली किए जाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

 

गोंडा

Published: March 29, 2022 11:58:14 am

नगर पालिका परिषद गोंडा का सरकारी विभागों पर बकाया धनराशि वसूली हो जाने के बाद नगर पालिका क्षेत्र में विकास की गंगा बह सकती हैं। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अकेले रेल विभाग सर्विस टैक्स का 26 करोड़ 40 लाख रुपए दबाए बैठा है। मजे की बात यह है कि नगर पालिका को 10 वर्षों बाद अपने सर्विस टैक्स की याद आई है। ऐसे में रेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस भेजकर वसूली की कार्यवाही किए जाने का काम शुरू हो गया है। खुद विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं। रेल पर सर्विस टैक्स की एक बहुत बड़ी रकम बकाया है। इससे नगर पालिका क्षेत्र में विकास की गंगा बह सकती है। इतनी बड़ी धनराशि बकाया होने के बाद नगर पालिका प्रशासन ने रेल विभाग पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं किया गया। यह एक यक्ष प्रश्न है। जिससे नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए नगरपालिका के कर निर्धारण अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार की संपत्ति से हाउस टैक्स या प्रॉपर्टी टैक्स वसूलते नहीं हैं। लेकिन भारत सरकार की व्यवस्था के अनुसार जो भी सेंट्रल प्रॉपर्टीज हैं। उनसे सर्विस टैक्स लेने के नियम हैं। सर्विस चार्ज की तीन कैटेगरी या निर्धारित की गई है। जहां पर हमारी न्यूनतम सेवा या फिर हम सर्विस प्रोवाइड नहीं करा पाते हैं। वहां पर सर्विस टैक्स साढ़े 33 प्रतिशत है। जहां पर हमारी सेवाएं 50 प्रतिशत है। वहां पर सर्विस टैक्स 50 प्रतिशत लिए जाने के नियम हैं। जिन क्षेत्रों में हमारी सेवाएं 100 प्रतिशत है। वहां पर 75 प्रतिशत सर्विस टैक्स लिया जाता है। उन्होंने कहा कि रेलवे पर वर्ष 2010-11 से 20- 21 तक 26 करोड़ 40 लाख की नोटिस रेलवे के जीएम व डी आर एम को भेजा है। इससे पहले हमने डी आर एम कार्यालय से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क किया। लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में काम कर रहे हैं। यदि भुगतान नहीं होता तो विभाग को न्यायालय जाने के लिए विवश होना पड़ेगा। कहां की यदि या धन राशि प्राप्त हो जाती है तो नगर पालिका की तमाम देनदारियां है। उसके साथ साथ हम नागरिक सुविधाओं में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं।
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गोंडा से प्रशांत मिश्रा की रिपोर्ट
9451037631

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