श्री सतीश महाना सर्वसम्मति से विधान सभा अध्यक्ष निर्वाचित
सर्वानुमति से विधान सभा अध्यक्ष का निर्वाचन प्रदेश की
जनता के लिए एक सकारात्मक संदेश: मुख्यमंत्री
लोकतंत्र के दो पहिये-सत्ता पक्ष एवं विपक्ष मिलकर उ0प्र0 की
25 करोड़ जनता के सर्वांगीण विकास के कार्याें को ऊंचाई प्रदान कर
‘नये भारत का नया उत्तर प्रदेश’ बनाने में योगदान दे सकते हैं
जब सत्ता पक्ष व विपक्ष मिलकर प्रयास करते हैं, तो एक और एक मिलकर
दो नहीं, बल्कि ग्यारह बनकर उन जनाकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनते हैं,
जिनके लिए आम जनमानस ने जनप्रतिनिधियों पर विश्वास किया है
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद सर्वानुमति अपनाने का रास्ता
लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा को सुदृढ़ करने के साथ ही भारत
की मजबूत लोकतांत्रिक परम्पराओं को और भी पुष्ट करता है
श्री महाना 8वीं बार इस सदन के सदस्य बने हैं, विभिन्न सरकारों में
मंत्री पद के दायित्व का निर्वहन करते हुए उन्होंने अपने नेतृत्व, प्रशासनिक
क्षमता तथा आम जनमानस के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित किया
प्रधानमंत्री जी ने अमृत काल के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किये हैं,
यदि भारत को इन लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करना है,
तो उ0प्र0 को अग्रणी भूमिका निभानी होगी
देश व प्रदेश की जनता में नकारात्मकता के लिए
कोई स्थान नहीं है, जनता नकारात्मकता को नहीं, सकारात्मक,
प्रगतिशील और लोक कल्याण कारक को स्वीकार करती है
चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं, अब हम सभी को प्रदेश के विकास, उत्थान,
यहां की 25 करोड़ जनता के हितों के संवर्धन के बारे में सोचना है
जब जनता अपनी विधायी संस्था पर भरोसा करती है, तो यह लोकतंत्र
के प्रकटीकरण का सबसे अच्छा माध्यम, आम जनमानस का
विश्वास लोकतंत्र को सर्वाधिक सुदृढ़ बनाता है
लखनऊ: 29 मार्च, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि सर्वानुमति से विधान सभा अध्यक्ष का निर्वाचन प्रदेश की जनता के लिए एक सकारात्मक संदेश है। लोकतंत्र के दो पहिये-सत्ता पक्ष एवं विपक्ष मिलकर उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के सर्वांगीण विकास के कार्याें को ऊंचाई प्रदान कर ‘नये भारत का नया उत्तर प्रदेश’ बनाने में योगदान दे सकते हैं। वर्तमान में जब दुनिया द्वन्द में है, विश्व को भारत से जैसी अपेक्षाएं हैं, वैसी ही अपेक्षाएं भारत को उत्तर प्रदेश से हैं। ऐसी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए जब सत्ता पक्ष व विपक्ष मिलकर प्रयास करते हैं, तो एक और एक मिलकर दो नहीं, बल्कि ग्यारह बनकर उन जनाकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनते हैं, जिनके लिए आम जनमानस ने जनप्रतिनिधियों पर विश्वास किया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधानभवन में सर्वसम्मति से श्री सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सर्वानुमति से इस पीठ पर निर्वाचन सुखद अनुभूति कराता है। उन्होंने सत्ता एवं विपक्ष के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद सर्वानुमति अपनाने का रास्ता लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा को सुदृढ़ करने के साथ ही भारत की मजबूत लोकतांत्रिक परम्पराओं को और भी पुष्ट करता है।
इस मौके पर नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतंत्र के इस गरिमापूर्ण आसन पर आसीन होना किसी भी सदस्य के लिए गौरव की बात है। इससे पूर्व, 17 महानुभाव इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन इस सदन के पहले अध्यक्ष थे। श्री आत्माराम गोविन्द खेर तथा श्री केशरीनाथ त्रिपाठी ने तीन-तीन बार इस पद को सुशोभित किया। वर्तमान में सदन के वरिष्ठ सदस्य श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने दो बार विधान सभा अध्यक्ष के दायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि श्री महाना 8वीं बार इस सदन के सदस्य बने हैं, विभिन्न सरकारों में मंत्री पद के दायित्व का निर्वहन करते हुए उन्होंने अपने नेतृत्व एवं प्रशासनिक क्षमता तथा आम जनमानस के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित किया। उन्होंने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष के रूप में श्री महाना सदन की परम्पराओं और मर्यादाओं को गरिमापूर्ण ढंग से आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह आजादी का अमृत काल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृत काल के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किये हैं। जब देश के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित हों, तो देश की सर्वाधिक आबादी के राज्य के लिए इन लक्ष्यों को प्राप्त करना अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए यदि भारत को इन लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करना है, तो उत्तर प्रदेश को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि अमृत काल में श्री सतीश महाना का उत्तर प्रदेश की विधान सभा का अध्यक्ष बनना सौभाग्य का क्षण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश व प्रदेश की जनता में नकारात्मकता के लिए कोई स्थान नहीं है। जनता नकारात्मकता को नहीं, सकारात्मक, प्रगतिशील और लोक कल्याणकारक को स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। अब हम सभी को प्रदेश के विकास, उत्थान, यहां की 25 करोड़ जनता के हितों के संवर्धन के बारे में सोचना है। प्रदेश के युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, गरीबों और वंचितों के सम्बन्ध में विचार करना है और उन्हें शासन की योजनाओं से मजबूती से जोड़ने के बारे में सोचना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 17वीं विधान सभा को वस्तुतः 03 वर्ष का कार्यकाल मिला, 02 वर्ष कोरोना के मध्य बीत गये। इसके बावजूद 17वीं विधान सभा में राज्य विधान मण्डल के 03 विशेष सत्र आहूत किए गए। 02 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया। इस विशेष सत्र में 36 घण्टों के दौरान सतत् विकास के लक्ष्यों से सम्बन्धित ज्वलन्त मुद्दों पर अनवरत चर्चा की गई। इसके अलावा, 26 नवम्बर, 2019 को संविधान को अंगीकार किये जाने की 70वीं वर्षगांठ पर तथा संविधान के 126वें संशोधन विधेयक-2019 के अनुसमर्थन के लिए 31 दिसम्बर, 2019 को राज्य विधान मण्डल के विशेष सत्र आहूत किये गये। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने अपनी विद्वता और सार्वजनिक अनुभव से 17वीं विधान सभा के विभिन्न सत्रों का अभिनन्दनीय ढंग से संचालन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 17वीं विधान सभा में जनता से जुड़े जिन मुद्दों पर चर्चा होती थी, उनकी गूंज प्रदेश के गांव-गलियों सहित देश के अन्य राज्यों में सुनायी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि जब जनता अपनी विधायी संस्था पर भरोसा करती है, तो यह लोकतंत्र के प्रकटीकरण का सबसे अच्छा माध्यम है। आम जनमानस का विश्वास लोकतंत्र को सर्वाधिक सुदृढ़ बनाता है। इसलिए इस सदन को लोकतंत्र की मजबूती का आधार बनाना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश की 18वीं विधान सभा राज्य के निरन्तर विकास को आगे बढ़ाने में सफल होगी।
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