**संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर**
पवित्र पर्व "होली" की हार्दिक बधाई......…..
" होली "
सजा दो रंग से धरती कि , आया दिन बहारों का।
जलेगी 'होलिका' होली ही , राजा है त्यौहारों का।।
भुला दो नफरततें दिल की,जला दो मजहबी कपड़े।
दीवारें बांटती उनको गिरा दो , दिन है यारों का।।
गले मिलकर भुला दो गम ,धरा पर प्यार रह जाए।
रहे खुशियां चतुर्दिक , भावनाएं सद् विचारों का।।
न हो बंधन रिवाजों का, तुम्हारे मेरे नाजों का।
हमारे -घर तुम्हारे -घर हो , शासन संस्कारों का।।
जो साथी झूठ का हो,उसको जलने दो चिताओं में।
जहां प्रहलाद होंगे , साथ होगा , चांद- तारों का।।
सजेगी सप्त -रंगों से , हमारे देह की दुनिया।
सभी हैं कृष्ण औ' राधा कि, ये दिन है दुलारों का।।
यहां नव ग्रह के नव रंगों से , सजते हैं गली हर घर।
सभी कबीरा के गीतों से , सजा दो गांव प्यारों का।।
जलेगी 'होलिका' होली ही , राजा है त्योहारों का।।..."अनंग"
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