जूनियर हाई स्कूल में संचालित हो रहा पैरामेडिकल और नर्सिंग के कोर्स
युवाओं के सपनों पर ब्रेक लगा रहे बिना मान्यता के कॉलेज,रजिस्ट्रेशन नहीं
गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
अंबेडकरनगर। जनपद के महज 5 किलोमीटर की दूरी पर मरैला जेल के पीछे जूनियर हाई स्कूल के कैंपस में ही पैरामेडिकल और नर्सिंग के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे कई पैरामेडिकल कॉलेज युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।एलोपैथी पैरामेडिकल के डिग्री कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी, डिप्लोमा कोर्स चलाने वाले कॉलेजों के लिए पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकरण जरूरी है।
युवाओं को कई बार इन कॉलेजों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती और युवा कॉलेजों के फेर में फंस रहे हैं।बढ़ती बेरोजगारी के चलते हर युवा रोजगार की तलाश में भटकता हुआ नजर आ रहा है. वहीं डिप्लोमा और डिग्री देने की आड़ में फर्जी पारा मेडिकल कॉलेज की तरह बड़े पैमाने पर फल फूल रहे है. भोले भाले छात्र-छात्राओं का डिप्लोमा की आड़ में जमकर शोषण किया जा रहा है. जिला मुख्यालय में चल रहे आधा दर्जन पैरा मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम शासन की गाइडलाइन के नियम से नहीं चल रहे हैं।मेडिकल शिक्षा के नाम पर बेरोजगार युवक-युवतियों को कई वर्षों से शिक्षा के ठेकेदार ठग रहे है, जो कहीं भी दो कमरे का किराए का मकान लेकर पैरा मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज शुरू कर देते है। इस बावत मीडिया द्वारा शिकायत की और अखबारों में खबर प्रकाशित हुई परंतु जिला प्रशासन ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया। मीडिया के सर्वे में खुलासा हुआ कि अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर, कैसे इन शिक्षा के ठेकेदारों ने कॉलेज खोलने का खेल खेला है। इस मामले को लेकर मीडिया कर्मियों द्वारा सीएमओ अंबेडकरनगर से वार्ता की गई तो कार्रवाई के नाम पर साहब ने अपने हाथ खड़े कर लिए। कब तक शासन प्रशासन की निष्क्रियता के कारण युवक और युवतियां ठगे जाते रहेंगे। यह अपने आप में एक अहम सवाल है। देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हैं या नहीं?
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