यूपी पहला ऐसा राज्‍य जहां 29 करोड़ से अधिक टीकाकरण और 10 करोड़ से अधिक हुए टेस्‍ट

यूपी में कोरोना संक्रमण के कुल एक्टिव केस 354, कोरोना संक्रमण को 49 लोगों ने दी मात

प्रदेशवासियों के लिए टीकाकरण बना कवच, लोगों में एंटीबॉडी की स्थिति हुई पहले से काफी बेहतर

लखनऊ, 30 मार्च।

सर्वाधिक आबादी वाले यूपी में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के कुशल प्रबंधन का परिणाम है कि दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा यूपी में सर्वाधिक कोरोना के टेस्‍ट और टीकाकरण किए जा चुके हैं। यूपी एकमात्र राज्‍य है जिसने 29 करोड़ 93 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 78 लाख से अधिक सैम्पल की जांच की है। ट्रि‍पल फोर की रणनीति के तहत यूपी ने कम समय में न सिर्फ संक्रमण पर काबू पाया बल्कि कोरोना के नए वेरिएंट के प्रसार को भी रोकने में सक्षम रहा। एग्रेसिव टेस्टिंग, ट्रेसिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। जिसके चलते यूपी के कोविड प्रबंधन की आज विभिन्न वैश्विक संस्थाएं सराहना कर रही हैं।

प्रदेश में कराए गए सीरो सर्विलांस के अनुसार तीसरी लहर के बाद लोगों में एंटीबॉडी की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। जिसका मुख्‍य कारण वैक्सीनेशन है। संक्रमण के प्रसार को रोकने और और लोगों में एंटीबॉडी बनाने में टीकाकरण काफी उपयोगी रहा। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है। 83 प्रतिशत से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 24 लाख पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 07 लाख 19 हजार बच्चों को टीकाकवर मिल चुका है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में 12 से 14 आयु वर्ग के बच्‍चों का टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज कराने के आदेश दिए हैं।  

सीएम ने सभी व्‍यवस्थाओं को लेकर दिए अधिकारियों को निर्देश

यूपी में कोरोना संक्रमण के 354 कुल एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटों में 01 लाख 30 हजार कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 34 नए कोरोना पॉजिविट मामलों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 49 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। मुख्‍यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर को संचालित रखने के निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा करें। जहां गड़बड़ी हो वहां तत्काल प्रभाव से व्यवस्था को ठीक करें।

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