मध्यप्रदेश में सबसे पिछड़ी और गरीब जनजाति के रूप में कोरकू जनजाति को देखा जाता है इसलिए ज्यादातर कोरकू जनजाति गरीबी के अधीन हैं और अभी तक विकास के अधिकार से वंचित रही हैं। मध्य प्रदेश के खंडवा जिला, तहसील हरसूद के पास मेरे गांव सोनखेड़ी से इसी समुदाय की एक 12 साल की बेटी करिश्मा है जो पिछले एक वर्ष से मेरी देखरेख में मल्हार आश्रम इंदौर और मास्टर चांदगीराम अखाड़ा दिल्ली मे कुश्ती का अभ्यास जारी रखे हुए है। करिश्मा में गजब का टैलेंट है | में साल 2020 पहले लॉकडाउन के दौरान मेरे गांव सोनीखेड़ी गया था, वही मैंने यह प्रतिभा खोजी है। आदिवासी बाल पहलवान करिश्मा में गजब का हुनर है, भगवान ने चाहा तो एक दिन वह जरूर देश का नाम रोशन करेंगी । खेल को करने के लिए उपकरण और आहार की व्यवस्था करना करिश्मा के लिए संभव नहीं था। इसे देखते हुए, मेरी माँ, श्रीमती रुक्मणी बिश्नोई ने इस बच्ची को प्रायोजित किया और भोजन का सारा खर्च उठाना शुरू किया । कुछ दिन पहले मेरी भतीजी व राष्ट्रमण्डल कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत की और से रजत पदक प्राप्त करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला पहलवान अर्पणा बिश्नोई बेनीवाल की शादी समारोहा मे मध्य प्रदेश के वन मंत्री श्री कुंवर विजय शाह भी पधारे थे इसी दौरान जब मेने इस प्रतिभाशाली लड़की और उसकी आर्थिक स्थिति के संदर्भ में मध्य प्रदेश के वन मंत्री श्री कुंवर विजय शाह को बताया । तो उन्होंने इस बालिका पहलवान को तुरंत एक वर्ष के लिए गोद ले लिया और 120000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का वचन दिया । बहुत ही सराहनीय कार्य माननीय मंत्री जी द्वारा किया गया है | खिलाड़ियों को आर्थिक मदद करने वाले मंत्री श्री कुंवर विजय शाह जी का बहुत बहुत धन्यवाद करता हू |
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