हिन्दीसंवाद के लिए असगर अली की रिपोर्ट

उतरौला(बलरामपुर) हर व्यक्ति के जीवन मे सबसे अहम प्राथमिकता दी जाने वाली एंबुलेंस भी जाम के झाम में फंसकर दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल व गंभीर मरीज को लेकर समय पर अस्पताल  नहीं पहुंच पाते।कुछ जाम व कुछ वाहन चालकों की हठधर्मी इन वाहनों की राह में रोड़ा बन रही है।एंबुलेंस को रास्ता न देने वालों को यह सोचना चाहिए कि अगर वह रास्ता नहीं देंगे तो कभी उन्हें या उनके परिवार के लिए यह अप्रिय स्थिति आई तो उन्हें कौन रास्ता देगा।जबकि एंबुलेंस व फायर बिग्रेड इत्यादि वाहनों को सड़क से गुजरने का हक पहले होता है।ताकि उस पर ले जाये जा रहे मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सके।पर कस्बे के विभिन्न चौराहों  व सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है जिससे आये दिन जाम में एंबुलेंस फंस जाती है।और उसे मजबूर होकर ट्राफिक हटने का  इंतजार करना पड़ता है।

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