भू-चुंबकीय तूफान की आशंका: आज धरती से टकरा सकता है 'सौर विस्फोट', जानिए दो दिन कितना खतरा
गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
बुधवार और गुरुवार को धरती से एक और नए खतरे का सामना करना पड़ेगा। आज नया सूर्य विस्फोट (Solar eruptions) पृथ्वी से टकराने की तैयारी में है। इससे बुधवार व गुरुवार को भू चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) आने की आशंका है।
इससे एक सप्ताह पहले भी ऐसा ही तूफान आया था, जिसका कोई बड़ा असर सामने नहीं आया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एज्युकेशन एंड रिसर्च के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पेस साइंसेस (CESS) ने सोलर इरप्शंस व भू-चुंबकीय तूफान के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। सीईएसएस के अनुसार 6 फरवरी को सूर्य के दक्षिणी हिस्से में एक फिलामेंट विस्फोट देखा गया था। इस सौर विस्फोट को सोलर हेलिओस्फेरिक आब्जर्वेटरी (SOHO) मिशन के लार्ज एंगल एंड स्पेक्ट्रोमेट्रिक कोरोनाग्राफ (LASCO) ने रेकॉर्ड किया था। एसओएचओ नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का साझा मिशन है। सूरज का अध्ययन करने के लिए इस मिशन की स्थापना 1995 में की गई थी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एज्युकेशन एंड रिसर्च के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पेस साइंसेस (CESS) ने सोलर इरप्शंस व भू-चुंबकीय तूफान के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। सीईएसएस के अनुसार 6 फरवरी को सूर्य के दक्षिणी हिस्से में एक फिलामेंट विस्फोट देखा गया था। इस सौर विस्फोट को सोलर हेलिओस्फेरिक आब्जर्वेटरी (SOHO) मिशन के लार्ज एंगल एंड स्पेक्ट्रोमेट्रिक कोरोनाग्राफ (LASCO) ने रेकॉर्ड किया था। एसओएचओ नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का साझा मिशन है। सूरज का अध्ययन करने के लिए इस मिशन की स्थापना 1995 में की गई थी।
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