हिन्दीसंवाद के लिए असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर) आपदा, पेंशन व चिकित्सा सुविधाओं का मुद्दा विधान सभा चुनाव में अधिवक्ताओं के बीच चुनावी मुद्दा बना हुआ है। अधिवक्ताओं की समस्या को दूर करने में किसी सरकार ने कोई मदद अधिवक्ताओं की नहीं की। इस कारण अधिवक्ता अपने समस्याओं को लेकर चुनावी मुद्दा बनाएं हुए हैं।
दिवानी कचहरी उतरौला में अधिवक्ताओं के बीच उनके मुद्दों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। अधिवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अधिवक्ता पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य करती है। उसके बाद सरकार अधिवक्ताओं की उपेक्षा कर रही है। अधिवक्ताओ के बुजुर्ग होने पर व्यवसाय में कोई पेंशन नहीं देती है। अधिवक्ताओं को आपदा राहत के लिए कोई धन नहीं देती है। पूर्व अध्यक्ष अनीसुल हसन रिजवी ने कहा कि सरकार केवल सरकारी कर्मचारियों को तमाम सुविधाएं देती है लेकिन अधिवक्ताओं के लिए कोई कल्याणकारी योजनाएं नहीं लागूं करती है। देश प्रदेश में तमाम सरकार आने के बाद अधिवक्ताओं के लिए कोई योजना नहीं बनाती है। अधिवक्ता समाज में रहकर न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते हैं लेकिन उनके सुरक्षा का कोई इंतजाम सरकार नहीं करती है। अधिवक्ता राम चन्द्र जायसवाल का कहना है कि अधिवक्ताओ को समाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है। अधिवक्ताओ को चिकित्सकीय सहायता न मिलने से उनका समुचित इलाज नहीं हो पाता है। अधिवक्ता उन्ही दल का समर्थन करेंगे जो अधिवक्ता हितों की चुनाव घोषणा पत्र में वादा करेंगे। अधिवक्ता शत्रुघ्न लाल मिश्रा ने कहा कि अधिवक्ताओ को कोई सरकारी सुविधाएं नहीं हैं। अधिवक्ता पेशन, सुरक्षा, चिकित्सकीय सहायता,वर्षिक भत्ता समेत तमाम सहूलियत पाने के लिए संघर्ष करती है लेकिन सरकार ने अधिवक्ताओं के हितों पर ध्यान नहीं दिया। विधानसभा चुनाव में अधिवक्ता हित की बात जो दल करेंगे अधिवक्ता उस दल को चुनाव में समर्थन करेंगे। अधिवक्ता संघ उतरौला के उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह का कहना है कि अधिवक्ताओ के हितों को लेकर कोई राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में नहीं रक्खा है। अधिवक्ताओं की समस्याओं का मुद्दा पूरे प्रदेश में है लेकिन सभी राजनीतिक दल ने इस समाज के हित के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। इस बार अधिवक्ता उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेगा जो अधिवक्ता हित की बात करेगा। तहसील कचहरी उतरौला में अधिवक्ताओं के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार उनका मुद्दा बना हुआ है। अधिवक्ता धर्म राज यादव का कहना है कि इस बार अधिवक्ताओं के बीच राजनीतिक दलों का कोई प्रत्याशी वोट मांगने नहीं आया। विधानसभा चुनाव में अधिवक्ता हित को लेकर अधिवक्ताओं के बीच चुनावी मुद्दा बना हुआ है। अधिवक्ता गुर प्रसाद सिंह का कहना है कि अधिवक्ता हित की जो राजनीतिक दल बात करेगा वही प्रदेश में राज करेगा। अधिवक्ता सतीश चन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि अधिवक्ता समाज एक जुट होने पर उसके लिए कोई कल्याणकारी योजनाएं सरकार लागू नहीं कर सकी। अधिवक्ताओं के बीच अधिवक्ता हित को लेकर चुनावी चर्चा चल रही है। राजनीतिक दलों की उपेक्षा से अधिवक्ता इस चुनाव में अधिवक्ता हितों को चुनावी मुद्दा बनाएं हुए हैं।
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