ग़म में खो जाना
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मुमकिन नही है इस जहां में
सफ़ल किरदार हो जाना ,
भुलाकर दर्द अपना और किसी
के ग़म में खो जाना !!
कितने ही मित्र होते हैं हजारों
और लाखों में ,
बड़ा मुश्किल है जीवन में किसी
का प्यार हो जाना !!
यहाँ पर छल ही छल मिले हों
जिसको राहों में ,
कहाँ मुमकिन है फिर किसी पर
ऐतबार हो जाना!!
प्रियंका द्विवेदी
उत्तर प्रदेश
©®
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