हिन्दीसंवाद के लिए असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला (बलरामपुर) विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार उतरौला विधान सभा चुनाव में
राप्ती नदी तट पर बसे भरवलिया गांव के बाशिंदों सहित आसपास के दर्जनों गांवों के मतदाताओं के लिए राप्ती नदी पर पीपे के पुल की मांग होगा चुनावी मुद्दा।ग्रामीणों के आवागमन के साथ ही इस बार विधानसभा चुनाव मे भी पोलिंग पार्टी को नांव से नदी पार करना होगा। नदी पार करने के बाद लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने के बाद मतदान कर्मी पोलिंग स्टेशन पर पहुंचेंगे। राप्ती नदी पर पुल न होने के कारण नदी के उस पार स्थित गांव में स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ अतिरिक्त पुलिस बल भी मतदान संपन्न होने तक तैनात रहेगा। नंदौरी ग्रामसभा में कुल 2350 मतदाताओं वाले उक्त मजरे में लगभग 11 सौ मतदाता है। इस मतदान केंद्र को क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में भी रखा गया है। चार हजार से अधिक की आबादी वाले इस गांव में पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास विभाग की टीम को रोज नांव से आना जाना पड़ता है। ग्रामीणों छात्र, मजदूर, नौकरीपेशा व रोजमर्रा का सामान खरीदने वालों की दिनचर्या में नाव से आना-जाना शुमार है। शाम को नाविकों के घर चले जाने के बाद आकस्मिक स्थिति में समस्या और भी विकट हो जाती है। ग्रामीण शमशाद, कृष्ण कुमार यादव, वंशीलाल, रहीम, मुहम्मद अशफाक, नियाज अहमद,मोहम्मद मुकीम बताते हैं कि नदी में बाढ़ आने की स्थिति में जून से सितंबर तक नांव का सफर भी जान जोखिम में डालने जैसा हो जाता है। पीपे का पुल बनवाने की मांग भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। उप निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार ओझा का कहना है कि पोलिंग पार्टी के आने-जाने व आकस्मिक स्थितियों का सामना करने के लिए नाविकों को नियुक्त किया जायेगा।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know