पब्लिक में 'नपुंसक' कहना हर शख्स के लिए शर्म की बात' पत्नी की हत्या में आरोपी पति को कोर्ट ने किया बरी
      गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने पत्नी की हत्या में आरोपी पति को यह कहते हुए बरी कर दिया कि पब्लिक में 'नपुंसक' कहना हर शख्स के लिए शर्म की बात है। दरअसल, कोर्ट के मुताबिक, जब आरोपी काम पर जा रहा था तब उसकी पत्नी ने उसे गंभीर रूप से उकसाया' था और तीन बच्चे होने के बावजूद भी उसे 'नपुंसक' कहा था। गौरतलब है कि कोर्ट में पेश आरोपी पर पत्नी की हत्या का आरोप लगा है।

न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने पंढरपुर निवासी नंदू सुरवासे को पत्नी की हत्या की आरोप से बरी कर दिया है। कोर्ट ने उसकी द्वारा की गई हत्या को गैर इरादतन हत्या बताया और उसे कोई सजा नहीं दिया है। कोर्ट ने उस पर से जेल की सजा को भी हटा दिया है, हालांकि इससे पहले वह 12 साल की सजा पहले ही काट चुका है।

बता दें कि नंदू और उसकी मृत पत्नी की शादी 15 साल पहले हुई थी और उनके दो बेटे और एक बेटी है। कुछ घरेलू झगड़ों के कारण वे पिछले चार साल से वे अलग रह रहे थे। इस बीच अगस्त 2009 में उसकी पत्नी शकुंतला से उसकी मुलाकात एक बस स्टॉप पर हुई थी। नंदू का कहना है कि इस मुलाकात के बाद उसकी पत्नी ने उसका रास्ता रोका था और उसका कॉलर पकड़कर उसे गाली दी थी इतना ही नहीं वह उसे बार बार 'नपुंसक' भी कह रही थी।

इस पर पीठ ने कहा कि नंदू के तीन बड़े बच्चे हैं। घटना के दिन आरोपी को संयोग से देखते ही मृतक ने न सिर्फ उसका गर्दन पकड़ा बल्कि उसकी कमीज खींचकर उसका रास्ता भी रोका था , इसके साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दिया था और तीखी टिप्पणी की थी जिससे आरोपी के स्वाभिमान को ठेस पहुंची थी। पीठ ने आगे कहा कि यह तीखी टिप्पणी न केवल अपनी दृष्टि में, बल्कि सार्वजनिक रूप से भी देखने से नीचा लगता है।

पीठ ने कहा कि यह घटना एक पब्लिक प्लेस पर हुई थी। वहीं, नपुंसक के रूप में संदर्भित होने पर आदमी के लिए शर्म महसूस करना काफी स्वाभाविक है। इस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने