औरैया // बीजेपी हाईकमान ने अभी से साफ कर दिया है कि जिस विधानसभा से प्रत्याशी हारा तो वहाँ की नेताओं की नेतागीरी अगले पाँच साल तक लॉक हो जाएगी और उनको किसी भी तरह से कोई लाभ नहीं मिलेगा चुनाव में पार्टी जिला पदाधिकारियों की सक्रियता की पूरी पारदर्शिता के साथ निगरानी हो रही है विधानसभा से लेकर कानपुर मंडल प्रभारी तक अपनी रिपोर्ट आलाकमान को लगातार भेज रहे हैं प्रचार में प्रत्याशी के साथ पदाधिकारी की सहभागिता भी परखी जा रही है ऐसे में नेताजी के पद और कद तक का घटना बढ़ना या छुट्टी होना चुनाव परिणाम पर पूरी तरह अब निर्भर हो गया है जनपद की तीनों सीटों पर बीजेपी के कई दावेदार थे दिबियापुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी ने मौजूदा विधायक पर ही भरोसा जताया है सदर सीट पर विधायक रमेश दिवाकर के निधन होने बाद पत्नी के रूप में गुड़िया कठेरिया पर पुनः भरोसा जताया व बिधूना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से सपा में शामिल हो चुके विधायक विनय शाक्य की पुत्री रिया शाक्य को प्रत्याशी बनाकर जीत का भरोसा जताया है पार्टी स्तर पर गुटबाजी अब बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं की जाएगी इसके लिए सभी दावेदारों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि अच्छा काम करके प्रत्याशी को जिताओगे तो भविष्य में कई बेहतर मौके दिये जायेंगे अन्यथा नेता गीरी से पूरी तरह बंचित होगे यही नहीं प्रत्याशियों के साथ कई बैठकें इन पार्टी नेताओं के साथ कराई जा चुकी हैं सभी को निर्देशित किया गया है कि प्रत्याशी के पक्ष में जनसंपर्क किया जाए कई विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा पार्टी के लोग सहयोग नहीं कर रहे है न ही साथ चलकर सहयोग किया जा रहा है ऐसे लोगों के साथ चुनाव बाद कड़ा फैसला लिया जा सकता है चुनाव के बाद क्षेत्रीय स्तर पर बाहरी नेताओं का दखल पूरी तरह समाप्त किया जाएगा यदि वह क्षेत्रीय निवासी है और वह क्षेत्र का पदाधिकारी नहीं है तो उसके निर्देश क्षेत्रीय स्तर पर पूरी तरह निष्क्रिय रहेंगे आलाकमान विधानसभा क्षेत्र से जिला, मंडल और कानपुर मंडल तक के प्रभारी व पदाधिकारियों से रिपोर्ट लगातार ले रहे हैं बीजेपी जिलाध्यक्ष श्रीराम मिश्रा ने बताया कि पार्टी सक्रिय और मेहनती कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को समय-समय पर मौका देती रहती है ऐसे में जिन लोगों का काम अच्छा होगा उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा कार्य न करने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी कहना मुश्किल है विधानसभा चुनाव के बाद एमएलसी और नगर निकाय के भी चुनाव होने हैं विधानसभा चुनाव में जिन लोगों को टिकट उन्होंने अभी से दावेदारी शुरू कर दी है। 

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