हिन्दीसंवाद के लिए असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर
उतरौला विधानसभा क्षेत्र में तीन मार्च को होने चुनाव को लेकर नुक्कड़ चौराहों व चाय पान की दुकानों पर जीत हार का गणित लगना शुरू हो गया है छह राजनीतिक दलों के प्रत्याशी विधान सभा में प्रवेश करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं गांव गांव में प्रत्याशी अपने समर्थकों व जातीय पकड़ रखने वाले प्रभावशाली लोगों के साथ समर्थन जुटाने के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं, चाय की दुकान पर विभिन्न दलों के समर्थक दूसरे दलों के समर्थकों से बहस करने में जुटे हैं भाजपा, सपा, बसपा, AIMIM, कांग्रेस, आप पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं, तेरह अन्य दलों के भी पर्चा भरा है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इनमे डमी कितने है, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सपा को हरा कर यह सीट हासिल की थी, उस समय कुल मतदाताओं की संख्या 411396 थी, लेकिन सिर्फ 48% यानी कि 198526 मत ही पोल हुए थे जिसमें भाजपा को 42.9%,सपा को 28.2% मत मिले थे, जिससे भाजपा ने सपा को 14.7%. लगभग 29144 मतों के अन्तर से पराजित किया था, तब बसपा के खाते में 44799 मत आए थे, AMIMI को लगभग 2966 मत मिले थे जब कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, इस बार लगभग सभी बड़े दलों ने अपने अपने उम्मीदवार उतारे हैं इस लिए मत दाताओं मे बहस इस बात की ज्यादा हो रही है कि किस प्रत्याशी के पास पार्टी के कैडर वोट कितनी मात्रा में है, पिछले छह विधान सभा के चुनाव बताते हैं कि इस विधानसभा की सीट भाजपा सपा के बीच ही रही है, शेष दल इसमे फेर बदल करने मे नाकाम रहे हैं, पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार लगभग 20670 नए मतदाता जुड़े हैं, लगभग सभी प्रत्याशी वोटों को अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं, जबकि मतदाताओं की चुप्पी प्रत्यक्षदर्शियों के जीतने के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं
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