औरैया // मौसम बदलने के कारण अचानक शुरू हुई बारिश के बाद गौशालाओं की हालत सभी जगह दयनीय दिखी ज्यादातर गौशालाओं में ठण्ड और बारिश से गौवंशों को बचाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त ही नहीं दिखे न ही कोई देखरेख करने वाला कर्मचारी दिखा मवेशी बारिश के बीच खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठण्ड से ठिठुरते नजर आए शिखरना की गौशाला में एक गोवंश की मौत होने के कारण वहीं पड़ा था जबकि सात अन्य बुरी तरह बीमार दिखे जो सासें भर रहे थे गौशालाओं के चारो तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई दे रहा था गौशालाओं में व्यवस्थाओं को चुस्त दुरस्त करने के प्रयास सिर्फ कागजों पर ही है हकीकत कुछ अलग है ठण्ड से गौवंशों का पहले ही बुरा हाल था और अब बारिश होने से हालात और खराब हो गए हैं शिखरना गौशाला में बीमार एक गोवंश की मौत हो गई जबकि सात गोवंश बीमार पड़े है जिन्हें ठंड से बचाने के लिए सेवादारों ने तिरपाल ढक रखा था वो भी पूरी तरह फटा हुआ नाम मात्र का करचला गौशाला में भी यही स्थिति दिखी बारिश में भीग कर गोवंश ठिठुरते नजर आए जब ठण्ड लगेगी कोई व्यवस्था नहीं है तो गौवंश तो मरेंगे ही परिसर में गंदगी और कीचड़ के अलावा कुछ भी नजर नहीं आया कई गोवंश बीमार पड़े कराहते नजर आए। बिधूना के किशोरगंज स्थित गोशाला में टिनशेड की नीचे कीचड़ होने के गोवंश परिसर में बारिश से भीगते व ठिठुरते नजर आए यहां पर चारे की नाद खाली थी जिस नाद में थोड़ा बहुत भूसा था वो एकदम सडा हुआ था हर जिले की हर गौशालाओं की स्थिति एक जैसी है जिला प्रशासन की जाँच सिर्फ कागजों तक ही सीमित है मौके पर हकीकत परखने कभी कोई अधिकारी नहीं जाता अधिकारियों का चाबुक कागजों पर तेजी से चलता है मगर हकीकत में चाबुक का असर शून्य रहता है  क्यों कि तहसीलों में भ्रष्टाचार ज्यादा व्याप्त है तो अधिकारियों से सही कार्य की उम्मीद कैसे की जा सकती है जब कोई मामला संज्ञान में आता दिखा तो तहसील का या ब्लाक स्तर का अधिकारी खाना पूर्ति करने पहुँच जाता है और जाँच का लोली पॉप देकर चला जाता है स्थिति जस की तस ही बनी रहती है। 

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