गंगा पार रेती पर अवैध बालू खनन तेजी से जारी है। मनमाने ढंग से खनन के कारण गंगा पार रेती पर तट का स्वरूप भी बिगड़ रहा है। टेंडर की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जारी अवैध खनन को रोकने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की है।
याचिका दायर करने वालों ने गंगा के पारिस्थितिक तंत्र और स्वरूप बिगड़ने की आशंका जताई है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अवधेश दीक्षित ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में डॉ. दीक्षित ने लिखा है कि जून 2021 से जारी निविदा की अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो चुकी है, बावजूद इसके मनमाने ढंग से जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर अवैध रूप से बालू खनन जारी है।अधिकारियों की चुप्पी के कारण ठेकेदारों ने लूट मचा रखी है। निर्धारित मात्रा में नहर से निकाले गए बालू को उठाने की बजाय अब तक उससे कई गुना ज्यादा बालू इधर-उधर से खोदकर नदी के तट के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया है।
याचिका दायर करने वालों ने गंगा के पारिस्थितिक तंत्र और स्वरूप बिगड़ने की आशंका जताई है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अवधेश दीक्षित ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में डॉ. दीक्षित ने लिखा है कि जून 2021 से जारी निविदा की अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो चुकी है, बावजूद इसके मनमाने ढंग से जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर अवैध रूप से बालू खनन जारी है।अधिकारियों की चुप्पी के कारण ठेकेदारों ने लूट मचा रखी है। निर्धारित मात्रा में नहर से निकाले गए बालू को उठाने की बजाय अब तक उससे कई गुना ज्यादा बालू इधर-उधर से खोदकर नदी के तट के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया है।
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