*आसमान छूने को उत्सुक हो रही नन्ही बिटिया वंदना शर्मा/आखिर क्यों अधिकारियों से मिल कर सम्मानित कर खुश होतीं हैं बन्दना शर्मा*


 संवाददाता/ राम कुमार यादव*

बहराइच/ जिस घर में बेटियां ना हो उस घर में खुशियां देखने को ही नहीं मिलती और जिस घर में बेटी हो और बचपन से ही उसे हौसलों की उड़ान भरने की सोच हो और निरंतर प्रयास करते हुए अधिकारियों कर्मचारियों से मिलने की उत्सुकता के साथ आगे बढ़ रही हो तो ऐसा संयोग ही होता है और परिवार की खुशियां दुगुना हो जाती है। यहां पर जनपद के कवि मिथिलेश जायसवाल की यह पंक्तियां सटीक बैठती है . जीवन का आधार है बेटी.खुशियों का संसार है बेटी .बेटी के बिन जीवन सूना .मां का पहला प्यार है बेटी । बेटी मां पिता के पहला प्यार के साथ ही घर की गृहस्थी संभालने के साथ ही परिवार को खुशियों भरा माहौल बनाने में अहम रोल निभाती है । जी हां हम आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताना चाहते हैं   जो थाना नवाबगंज के ग्राम पंचायत चौगोंई बिलासपुर विकास खंड नवाबगंज के निवासी  समाज सेवी पत्रकार धीरेंद्र कुमार शर्मा की 9 वर्षीय बेटी वंदना शर्मा है। वंदना शर्मा की उम्र महज 9 वर्ष है और वह अभी कक्षा 4 की छात्रा है  कम्पोजिट विघालय भूधर गाँव लेकिन उसके हौसले और सपने काफी बड़े हैं । नन्हीं बिटिया सपनों की उड़ान भरने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है अधिकारियों से मिलना पुलिस विभाग के साथ  बातचीत करना  उन्हें सम्मानित करना फोटो खिंचाना यह बिटिया की आम बात है  ।पिछले दिनों गाय घाट के सरयू घाट पर मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम में रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन संजीव श्रीवास्तव द्वारा  आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित होने के लिए बिटिया को आमंत्रित किया गया था । बिटिया को पुलिस विभाग  के अपर पुलिस अधीक्षक व रुपईडीहा आदर्श थाना प्रभारी सहित कई अधिकारियों वा एसएसबी के कमांडेंट सहित ब्लॉक प्रमुख भी सम्मानित कराया गया तो बिटिया ने भी पुलिस विभाग को भारत माता का चित्र देकर सम्मानित किया । इसके साथ ही रामपुर में रेड क्रॉस सोसाइटी के कार्यक्रम में रुपईडीहा थाना अध्यक्ष को भी बिटिया ने सम्मानित किया नन्ही बिटिया बंदना शर्मा जनपद की पूर्व पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह से काफी प्रेरित है जब से उसने सुजाता सिंह की तस्वीर देखी और सरयू घाट पर मुलाकात की तब से वह स्वय पुलिस अधिकारी बनने की बात करती रहती है । वंदना शर्मा के पिता धीरेंद्र शर्मा  समाजसेवी बताते हैं कि बिटिया जब भी मोबाइल में किसी पुलिस अधिकारी को देखती है उनसे मिलने के लिए तुरंत प्रेरित हो जाती है और वह पुलिस अधिकारी बनने की बात हमेशा करती रहती है। उन्होंने बताया कि बिटिया पढ़ाई में भी तेज है और मेरा प्रयास होगा कि बिटिया को पढ़ा लिखा कर पुलिस अधिकारी बनाऊ । वहीं नन्ही बिटिया की हौसलों भरी सोच से परिवार उत्साहित दिखाई दे रहा है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने