कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की तीन अगस्त 1991 को हत्या कर दी गई थी। विधायक मुख्तार अंसारी, कमलेश सिंह, भीम सिंह, राकेश न्यायिक आरोपित बनाये गये थे। मामले में मुख्तार अंसारी की सुनवाई चल रही है। इसी के तहत शुक्रवार को गवाह अजय राय कोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि पूर्व में अदालत ने गवाही के समय पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई है। उनकी जान की खतरा है। ऐसे में गवाह भयमुक्त होकर गवाही प्रस्तुत नहीं कर पायेगा। साथ ही मामले के अन्य आरोपित की दो पत्रावली प्रयागराज न्यायालय में लंबित है, जिसमें मूल पत्रावली भी है। उक्त पत्रावली के तलब हुए बिना अग्रिम कार्यवाही नहीं हो पाएगी। ऐसे में पत्रावली के आने तक गवाह को बयान के लिए तलब नहीं किया जाए। कोर्ट ने कहा कि उक्त आवेदन के निस्तारण के पश्चात गवाह को तलब किया जायेगा। इसके आदेश की प्रति थानाध्यक्ष चेतगंज और जिला कारागार बांदा को भेजा जाए।
विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की अदालत में शुक्रवार को अवधेश राय हत्याकांड के मामले में वादी गवाह अजय राय उपस्थित हुए। उधर मामले में बांदा जिला जेल में निरुद्ध आरोपित मऊ विधायक मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किये गये। मुख्तार ने मामले में अपना वकील रखने के लिए वकालतनामा कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए परिजन से मिलने की गुहार लगाई।मुख्तार ने कहा कि जेल प्रशासन किसी परिजन से मिलने नहीं दे रहा। इस स्थिति में वकालतनामा कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हो पा रहा है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी के तिथि नियत कर दी। बांदा जेल अधीक्षक को निर्देशित किया की मुख्तार अंसारी को एक परिजन या वकील से मिलने दिया जाए। ताकि मुकदमे में वकालनामा प्रस्तुत हो सके।
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