सपा में सुलग रही चिगारी, सभी सीटों पर बगावत की बू
        गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
अंबेडकरनगर। जमीनी नेताओं-कार्यकर्ताओं को छोड़ दलबदलुओं और बाहरी लोगों को टिकट देने से सपा में विरोध की जबर्दस्त चिगारी सुलह रही है। टांडा विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का झंडा जलाने के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुर्दाबाद के नारे भी खूब लगे। कटेहरी में तो विरोध का स्वर लखनऊ तक सुनाई दे रहा है। यहां जल्द ही पदाधिकारियों के इस्तीफों की झड़ी लगने वाली है। आलापुर के हालात तो और भी खराब हैं। इस सीट से टिकट की दो प्रमुख महिला दावेदारों और उनके सैकड़ों समर्थकों ने रविवार को राजधानी में अखिलेश यादव के सामने जिदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसी तरह अन्य सीटों पर भी सपा में बगावत की बू आ रही है। संगठन विरोध का स्वर मद्धिम करने में लगा है, लेकिन समय के साथ यह और तेज होता जा रहा है।अपनों को छोड़ दलबदलुओं को टिकट देने से बिगड़े हालात: जिले की पांचों विधानसभा सीटों के लिए सपा ने हाल में जिन प्रत्याशियों के नाम का एलान किया है, उनमें 80 फीसद यानि चार दलबदलू हैं। कटेहरी से पूर्व मंत्री लालजी वर्मा और अकबरपुर से पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को टिकट दिया है। ये दोनों कुछ महीने पहले तक बसपा में थे। पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में विरोधियों को फायदा पहुंचाने के आरोप में बसपा ने एक साथ दोनों पूर्व मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया तो वे सपा के गले लिपट गए। दशकों तक जिसे गाली देकर अपनी राजनीति चमकाते रहे, उसी दल से दावेदारी करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं को यह बिलकुल भी हजम नहीं हो रहा है। रविवार को कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में बुलाई गई कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों की बैठक में यहां मौजूद जिलाध्यक्ष रामशकल यादव और पार्टी प्रत्याशी लालजी वर्मा के विरोध में खूब नारे लगे। ऐसे में जैसे-तैसे बैठक की रस्म अदायगी हुई। जलालपुर में पूर्व सांसद राकेश पांडेय को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहां भी विरोध की चिगारी सुलग रही है, जगह-जगह कार्यकर्ता बैठक कर रणनीति तय कर रहे हैं। पार्टी आलाकमान विरोध का स्वर दबाने में जुटा है। यहां से लखनऊ पहुंचे नेताओं को अखिलेश यादव ने धैर्य रखने को कहा है। आलापुर सुरक्षित सीट से पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त पर सपा ने दांव लगाया है। वह भी सालभर पहले ही बसपा छोड़ पार्टी में आए हैं। यहां विरोध का आलम यह है कि इस सीट से टिकट के लिए सालों से संघर्ष कर रहीं पूर्व विधायक भीमलाल सोनकर की बहू सुनीता सोनकर और संगीत कन्नौजिया रविवार सुबह होते ही अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ लखनऊ पार्टी कार्यालय पर धमक पड़ीं और त्रिभुवन दत्त को लेकर गहरी नाराजगी जताई। अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी बगावत की सुगबुगाहट तेज है।टांडा में टिकट घोषित होते ही जलाया झंडा: सबसे अंत में शनिवार को जैसे ही टांडा सीट से राममूर्ति वर्मा के प्रत्याशी बनने की बात सामने आई, यहां पूरी तरह गदर मच गया। अल्पसंख्यक बहुल इस सीट से पूर्व विधायक अजीमुल हक पहलवान के बेटे मुसाब के समर्थकों ने रात में ही जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। राममूर्ति को बाहरी बताकर टांडा शहर में जहां पार्टी का झंडा जलाया, वहीं भूलेपुर बाजार में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए। रविवार को सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता किछौछा दरगाह के पास धरने पर बैठ गए। यहां प्रदर्शन कर रहे दस्तगीर ने बताया कि राममूर्ति अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं और टांडा में वह कभी झांकने भी नहीं आए, ऐसे में आमजनता उन्हें कतई स्वीकार नहीं कर सकती। राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो भी फैसला है, उसे सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को मानना होगा। टिकट बंटवारे को लेकर उठ रही नाराजगी से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया गया है। हम सभी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राम शकल यादव, जिलाध्यक्ष, सपा

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