शब्द ब्रह्म है, ब्रह्म है तो शाश्वत है और शाश्वत है तो सत्य हैः योगी

पूर्व राज्यपाल राम नाईक के जीवन पर आधारित पुस्तक 'कर्मयोद्धा राम नाईक' तथा 'हृदय नारायण दीक्षित रचनावली' एवं विधान मंडल पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकों का हुआ विमोचन

राम नाइक जी की कर्म योद्धा रूप में आज भी जीवंतता और सक्रियताः सीएम

हृदयनारायण दीक्षित ने समय-समय पर समसामयिक विषयों पर भी बेबाक टिप्पणी की हैः योगी

लखनऊ, 03 जनवरी

शब्द हमारी परंपरा में ब्रह्म का प्रतीक माना गया है। शब्द ब्रह्म है तो स्वाभाविक रूप से शाश्वत होगा। शाश्वत है तो सत्य भी होगा। प्रदेश के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों के विधानसभा में भाषण का संकलन हुआ है। यह पुस्तकालय की समृद्धि के साथ-साथ राजनीति विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शोध ग्रंथ है। यह वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें पूर्व राज्यपाल राम नाईक के जीवन पर आधारित पुस्तक 'कर्मयोद्धा राम नाईक' तथा 'हृदय नारायण दीक्षित रचनावली' एवं विधान मंडल पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकों का विमोचन के मौके पर कहीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर पूर्व राज्यपाल राम नाईक और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के साथ अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि राम नाइक जी की कर्म योद्धा रूप में आज भी जीवंतता और सक्रियता है। देश की संसद में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए और हर एक सदस्य के लिए अनिवार्य होना चाहिए, बंबई को मुंबई और इलाहाबाद को प्रयागराज कहा जाए जैसे महत्पपूर्ण सुझाव राम नाईक जी ने दिए। तिलक जी ने लखनऊ में 1916 में स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है... कहा था, इस पर लखनऊ में कार्यक्रम होना चाहिए। यह प्रेरणा भी राम नाईक जी ने दी थी। 24 जनवरी को यूपी दिवस के आयोजन के प्रेरणास्रोत भी राम नाईक जी ही रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्म योद्धा राम नाईक पुस्तक पिछले भाषणों के संकलन के साथ ही उनकी दूरदर्शिता का भी एक सजीव चित्रण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने समय-समय पर समसामयिक विषयों पर भी बेबाक टिप्पणी की है। उन्होंने देश, काल और परिस्थिति के अनुरूप अपने साहित्य को समाज और युग के अनुकूल बनाने का काम किया है। यही कारण है कि उनकी लेखनी को लोग बहुत पसंद करते हैं। डॉक्टर हृदय नारायण दीक्षित अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता के लिए विख्यात रहे हैं। समाचार पत्रों में उनके स्तंभ लेखन को पढ़ने का सौभाग्य आप सब में से अधिकतर लोगों को प्राप्त हुआ होगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उन्नाव में जब भी कोई आंदोलन होता था तो लोग कहते थे कि अगर दीक्षित जी कह देंगे तो हम बात को मान लेंगे। भूमिहीनों को उनका अधिकार उपलब्ध कराने की लड़ाई में नारायण दीक्षित जी जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने राम नाईक और हृदय नारायण दीक्षित के स्वास्थ्य दीर्ध जीवन की कामना की।

 


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