यूरिया की उपलब्धता बनाए रखने को दुकानों की जांच शुरू
       गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अंबेडकरनगर: वर्तमान में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं व अन्य की बुवाई के बाद टाप ड्रेसिग का कार्य जोरों पर है। इसके लिए मुख्य रूप से यूरिया की जरूरत है, लेकिन सहकारी समितियों पर लगातार इसकी कमी बनी हुई है। इससे किसानों को काफी दिक्कत हो रही है। मजबूरी में दुकानों से उन्हें ज्यादा दाम देकर खाद खरीदनी पड़ रही है। कई जगह खाद के साथ जबरन उन्हें अन्य सामान पकड़ाया जा रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को जिला कृषि अधिकारी ने कई दुकानों पर जांच-पड़ताल की।जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जनपद में कुल 3525 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है, इसमें निजी क्षेत्र में 3572 मीट्रिक टन एवं सहकारिता में 1013 मीट्रिक टन शामिल है। निजी क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों की यूरिया की रैक आ रही है। सहकारिता में 1600 मीट्रिक टन एवं निजी क्षेत्र में 22 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त होनी है। इसके अलावा सहकारी क्षेत्र में कृभको की 1650 मीट्रिक टन यूरिया दो दिनों में अयोध्या से आ जाएगी। वर्तमान में लगभग 250 से 300 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण रोजाना किया जा रहा है। सभी विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि किसानों को उनकी जोत के अनुसार पीओएस मशीन पर अंगूठा लगवा कर ही उर्वरक का वितरण करें। खाद न मिलने की समस्याओं को देखते हुए कृषि भवन में उर्वरक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका नंबर 05271- 245680 है।इन दुकानों का किया निरीक्षण : जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने यूरिया की उपलब्धता परखने के उद्देश्य से आनंदनगर चौराहा, महरुआ बाजार स्थित उर्वरक की दुकानों का निरीक्षण किया। इसमें पांडेय ट्रेडर्स, अन्नपूर्णा खाद भंडार, भैयालाल सोनी तथा पांडेय खाद भंडार शामिल थे। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस दौरान किसान राम लौट यूरिया के साथ जिक का पैकेट लिए थे। पूछने पर बताया कि दुकानदार ने जिक जबरन नहीं दिया है। दुकान के स्टाक रजिस्टर का निरीक्षण किया गया।
समितियों से यूरिया गायब, कालाबाजारी की आशंका साधन सहकारी समितियों पर यूरिया का अभाव बना हुआ है। इससे किसानों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। निजी दुकानों से यूरिया 500 रुपये प्रति बोरी खरीदने को मजबूर हैं। बेवाना समिति पर पिछले तीन दिनों से यूरिया नहीं है। एनपीके व नैनो यूरिया उपलब्ध है। समिति प्रभारी महेंद्र सिंह बताते हैं कि चेक एक सप्ताह पहले लगा है, पर अभी केंद्र पर खाद नहीं आ सकी। साधन सहकारी समिति कुर्चा में पिछले 10 दिनों से यूरिया गायब है। इससे समिति से जुड़े आसपास के लगभग दर्जनों गांवों के किसानों को अधिक रेट में यूरिया खरीदनी पड़ी रही है। समिति सचिव हेमंत चौबे ने बताया कि दो-तीन दिनों में यूरिया आने की संभावना है।

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