ठंड बढ़ने से पेयजल पाइपलाइन में लीकेज की समस्या दोगुनी हो गई हैं। दर्जनभर से ज्यादा शिकायतें शहर के अलग-अलग हिस्सों से रोज आ रही हैं। इसका समाधान नहीं होने से काफी पानी सड़क पर बर्बाद हो जाता है। आवागमन में दिक्कत अलग।जलकल के इंजीनियरों के मुताबिक जाड़े में तापमान कम होने पर पानी अपना आकार बदल लेता है। यह द्रव (लिक्विड) से ठोस (बर्फ) में परिवर्तित होने लगता है। ऐसे में पानी का आयतन (वाटर वॉल्यूम) बढ़ जाता है। जब पानी ठोस में परिवर्तित होता है तब यह पाइप की भीतरी सतह पर ज्यादा दबाव डालता है। यही कारण है कि पाइप अक्सर फट जाते हैं। जलकल कंट्रोल रूम के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन दिन में 35 शिकायतें पाइपलाइन में लीकेज की आई हैं। इनमें शनिवार की देर शाम तक 11 का समाधान किया गया, जबकि 24 अभी पेंडिंग में हैं।

कर्मचारियों के मुताबिक सामान्य दिनों में करीब आधा दर्जन शिकायतें ही आती थीं। वहीं इसकी वजह से कई इलाकों में पानी की समस्या खड़ी हो गई है। रास्तों पर पानी बहने से आना-जाना दुश्वार हो गया है। खासकर पीलीकोठी, बड़ी पियरी, बड़ी गैबी, मुड़कट्टा बाबा, जिलाधिकारी कार्यालय के पश्चिमी गेट पर, सुंदरपुर, लहुराबीर, नवाबगंज, सरैया, ताराधाम कॉलोनी (तुलसीपुर), भेलूपुर स्थित जैन मंदिर के सामने समेत दर्जनों जगहों पर लीकेज की शिकायतें आई हैं।

सचिव जलकल सिद्धार्थ कुमार का कहना है कि ठंड में पानी के पाइप में लीकेज की समस्या बढ़ जाती है। इसके समाधान के लिए जलकल के इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों को लगाया गया है। कोशिश होती है कि समय से लीकेज दूर की जाए।

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