शीतलहर एवं कोविड-19 संक्रमण से जनहानि बचाव के लिए
गन्ना किसानों को चीनी मिल गेट पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता कराने हेतु गन्ना आयुक्त ने दिये निर्देश


गन्ना तौल हेतु चीनी मिल आने वाले गन्ना किसानों को ठंड से बचाने के लिए अलाव, गुनगुना पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था कराने हेतु निर्देश जारी

गन्ना ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले समस्त वाहनों में रिफ्लेक्टर पट्टी लगाना किया गया अनिवार्य

घने कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाने से होने वाली दुर्घटना की संभावनाओं के दृष्टिगत उठाया गया कदम
लखनऊः 17 जनवरी, 2022

  गन्ना किसानों के हितों के प्रति सजग प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी    श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा चीनी मिल गेटों पर गन्ना लेकर आने वाले किसानों को प्रदेश में पड़ रही ठंड एवं शीतलहर एवं कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिये अलाव, पेयजल, सैनिटाइजर तथा हैण्डवाश एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की समुचित व्यवस्था कराने हेतु निर्देश जारी किये गये है।
  इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि चीनी मिल गेटो, एंव यार्डों पर अलाव एवं गुनगुने पेयजल की व्यवस्था होने से भीषण ठंड में किसानों को ठिठुरना नही पडे़गा तथा किसानों को इस ठंड से राहत मिल सकेगी। वहीं हाथ धोने के लिए पानी, साबुन एवं उचित स्थानों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था से भी कोविड-19 संक्रमण के प्रसार पर रोक लगेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस समय प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में घना कोहरा भी छा रहा है जिसके कारण दृश्यता कम होने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। जिसके दृष्टिगत चीनी मिलों के मिल गेट एवं क्रयकेन्द्रों पर गन्ना ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले समस्त वाहनों पर रिफ्लेक्टर पट्टी लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि गन्ना ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले वाहनों में रिफ्लेक्टर पट्टी लगाये जाने का अभियान चलाया जाए और यह कार्य सीजन के दौरान दो से तीन बार किया जाए जिससे पूरे सीजन इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगा रहे और सड़कों पर आवागमन के समय दूर से दिखाई दे सके। यह कार्य समस्त चीनी मिलें अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगी।
आयुक्त गन्ना एवं चीनी द्वारा परिक्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये है कि कृषकों से चीनी मिल यार्ड में मुलाकात कर उन्हें अन्य विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए उनसे फीडबैक भी प्राप्त करें, जिससे गन्ना कृषकों को यदि कोई व्यावहारिक समस्या आ रही हो तो उसका तत्परता से निस्तारण कराया जा सके। परिक्षेत्रीय अधिकारी पेराई सत्र के दौरान समय-समय पर उपरोक्त का अनुश्रवण भी सुनिश्चित करेंगे।

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