#प्रकृति_के_तीन_कड़वे_नियम__जो_सत्य_हैं !☝

1. प्रकृति का पहला नियम 🌻
यदि खेत में बीज न डाले जाएं, तो कुदरत उसे *घास-फूस* से भर देती है !! 
ठीक उसी तरह से दिमाग में *सकारात्मक* विचार न भरे जाएँ, तो *नकारात्मक* विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं !! 

2. प्रकृति का दूसरा नियम ☺
जिसके पास जो होता है, वह वही बांटता है !!
• सुखी *सुख* बांटता है !!
• दुःखी *दुःख* बांटता है !!
• ज्ञानी *ज्ञान* बांटता है !!
• भ्रमित *भ्रम* बांटता है !!
• भयभीत *भय* बांटता है !!

 *3. प्रकृति का तीसरा नियम 🤗
आपको जीवन में जो भी मिले, उसे *पचाना* सीखें क्योंकि ;
• *भोजन* न पचने पर, रोग बढ़ते हैं !!
• *पैसा* न पचने पर, दिखावा बढ़ता है !!
• *बात* न पचने पर, चुगली बढ़ती है !!
• *प्रशंसा* न पचने पर, अहंकार  बढ़ता है !!
• *निंदा* न पचने पर, दुश्मनी बढ़ती है !!
• *राज* न पचने पर, खतरा बढ़ता है !!
• *दुःख* न पचने पर, निराशा बढ़ती है !!
• *सुख* न पचने पर, पाप बढ़ता है !! 

एक गाजर के दो टुकड़े करें। एक को चीनी की चासनी में और दूसरे को नमक लगा कर रख दें।

कुछ दिन बाद एक टुकड़ा मुरब्बा और दूसरा टुकड़ा अचार बन जाएगा। गाजर वही है लेकिन नतीजा अलग-अलग। इसलिए जो कुछ बनना चाहते हैं, वैसे माहौल के लोगों में बैठें।

यह मिसाल पसंद ना आयी हो तो गाजर को धोकर खा लें। ना मैंने कुछ कहा, ना आपने कुछ सुना।
 सादर साभार 🙏

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