20 जनवरी 2022 तक सभी जिलों मे निरन्तर चलती रहेंगी ‘विशेष स्टाम्प अदालतें
मात्र रू0 100 के अर्थदण्ड के साथ निस्तारित किया जायेगा वाद नहीं लगेगी पेनाल्टी
वादकारियों को केवल देय स्टाम्प शुल्क व ब्याज का ही करना होगा भुगतान
स्टाम्प समाधान योजना से कम हो रहा स्टाम्प वादों का भार
पक्षकार/वादकारी ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का उठायें, लाभ
पिछले ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ में निस्तारित किये गये 1296 वाद
इन अदालतों के माध्यम से रू0 08 करोड़ 53 लाख वसूली गयी स्टाम्प राशि
- डॉ0 रोशन जैकब
लखनऊ: 05 जनवरी, 2022
आयुक्त, स्टाम्प, उत्तर प्रदेश, डॉ0 रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्टाम्प वादों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से प्रतिदिन आयोजित की जा रही विशेष स्टाम्प अदालतों की तिथि बढ़ाकर 20 जनवरी 2022 कर दी गयी है। पूर्व में 26 दिसम्बर 2021 से 05 जनवरी 2022 तक स्टाम्प अदालतों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया, जिसके बहुत ही सकारात्मक व सार्थक परिणाम निखर कर आये हैं और ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ के माध्यम से 1296 वादों (मुकदमों) का निस्तारण करते हुए रू0 08 करोड़ 53 लाख से अधिक की स्टाम्प की धनराशि राजकोष में जमा करायी गयी।
डॉ0 रोशन जैकब ने वादकारियों से अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में अपना वाद नियत कराकर ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का लाभ उठायें। डॉ0 जैकब ने बताया कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ का आयोजन जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों (वि/रा0) व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में किया जा रहा है। जनपदों में स्टाम्प वाद से सम्बन्धित पक्षकारों व अधिवक्तागण को पूर्व सूचना देकर स्टाम्प वाद नियत किये जा रहे हैं तथा पक्षकार द्वारा आवेदन किये जाने पर मात्र रू0 100/- के अर्थदण्ड के साथ वादों (मुकदमों) को निस्तारण किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में केवल देय स्टाम्प की कमी व ब्याज की प्रतिपूर्ति कराकर धनराशि को राजकोष में जमा कराया जा रहा है। इसमें पक्षकार /वादकारियों से अर्थदण्ड नहीं लिया जा रहा है।
डॉ0 जैकब ने बताया इन विशेष स्टैम्प अदालतों के आयोजन से जहां एक ओर जनपदों में स्टाम्प वादों के भार में कमी आयेगी, वहीं पक्षकारों/वादकारियों को भी न तो बार-बार अनावश्यक रूप से भागदौड़ करनी पड़ेगी और न ही अर्थदण्ड देना पडे़गा। इससे वादकारियों व पक्षकारों के समय व धन में बचत होगी और वादों के त्वरित निस्तारण से स्टाम्प देयों की वसूली में भी वृद्धि होगी। डा०जैकब ने बताया कि पिछले दिनों आयोजित इन अदालतों के प्रति जनता व वादकारियों का अत्यन्त उत्साह देखने को मिला है और इसके बहुत ही अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं।
डॉ0 जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों से विशेष स्टाम्प अदालतों के सफल आयोजन के लिये व्यापक दिशा-निर्देश देते हुये कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाय कि स्टाम्प अदालतों में अधिक से अधिक वाद निस्तारित हों। यह सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं कि स्टाम्प न्यायालयों द्वारा आयोजित स्टाम्प अदालत का अपर जिलाधिकारी (वि/रा0) द्वारा दिन में एक बार निरीक्षण अवश्य किया जाय तथा स्टाम्प अदालत में नियत वादों के पक्षकारों/अधिवक्ताओं को समय से सूचित किया जाय एवं अपर जिलाधिकारी (वि/रा0) व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में आयोजित स्टाम्प अदालत में नियत वादों के सापेक्ष निस्तारण किये जाने का दैनिक पर्यवेक्षण किया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ के आयोजन के बारे में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाय, ताकि अधिक से अधिक पक्षकार/वादकारी, इससे लाभ उठा सकें।
डॉ0 रोशन जैकब ने जिलाधिकारीयों से यह भी अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में शासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का परिपालन अनिवार्य रूप से कराया जाना सुनिश्चित किया जाय
मात्र रू0 100 के अर्थदण्ड के साथ निस्तारित किया जायेगा वाद नहीं लगेगी पेनाल्टी
वादकारियों को केवल देय स्टाम्प शुल्क व ब्याज का ही करना होगा भुगतान
स्टाम्प समाधान योजना से कम हो रहा स्टाम्प वादों का भार
पक्षकार/वादकारी ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का उठायें, लाभ
पिछले ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ में निस्तारित किये गये 1296 वाद
इन अदालतों के माध्यम से रू0 08 करोड़ 53 लाख वसूली गयी स्टाम्प राशि
- डॉ0 रोशन जैकब
लखनऊ: 05 जनवरी, 2022
आयुक्त, स्टाम्प, उत्तर प्रदेश, डॉ0 रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्टाम्प वादों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से प्रतिदिन आयोजित की जा रही विशेष स्टाम्प अदालतों की तिथि बढ़ाकर 20 जनवरी 2022 कर दी गयी है। पूर्व में 26 दिसम्बर 2021 से 05 जनवरी 2022 तक स्टाम्प अदालतों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया, जिसके बहुत ही सकारात्मक व सार्थक परिणाम निखर कर आये हैं और ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ के माध्यम से 1296 वादों (मुकदमों) का निस्तारण करते हुए रू0 08 करोड़ 53 लाख से अधिक की स्टाम्प की धनराशि राजकोष में जमा करायी गयी।
डॉ0 रोशन जैकब ने वादकारियों से अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में अपना वाद नियत कराकर ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का लाभ उठायें। डॉ0 जैकब ने बताया कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ का आयोजन जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों (वि/रा0) व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में किया जा रहा है। जनपदों में स्टाम्प वाद से सम्बन्धित पक्षकारों व अधिवक्तागण को पूर्व सूचना देकर स्टाम्प वाद नियत किये जा रहे हैं तथा पक्षकार द्वारा आवेदन किये जाने पर मात्र रू0 100/- के अर्थदण्ड के साथ वादों (मुकदमों) को निस्तारण किया जा रहा है। खास बात यह है कि इन ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में केवल देय स्टाम्प की कमी व ब्याज की प्रतिपूर्ति कराकर धनराशि को राजकोष में जमा कराया जा रहा है। इसमें पक्षकार /वादकारियों से अर्थदण्ड नहीं लिया जा रहा है।
डॉ0 जैकब ने बताया इन विशेष स्टैम्प अदालतों के आयोजन से जहां एक ओर जनपदों में स्टाम्प वादों के भार में कमी आयेगी, वहीं पक्षकारों/वादकारियों को भी न तो बार-बार अनावश्यक रूप से भागदौड़ करनी पड़ेगी और न ही अर्थदण्ड देना पडे़गा। इससे वादकारियों व पक्षकारों के समय व धन में बचत होगी और वादों के त्वरित निस्तारण से स्टाम्प देयों की वसूली में भी वृद्धि होगी। डा०जैकब ने बताया कि पिछले दिनों आयोजित इन अदालतों के प्रति जनता व वादकारियों का अत्यन्त उत्साह देखने को मिला है और इसके बहुत ही अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं।
डॉ0 जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों से विशेष स्टाम्प अदालतों के सफल आयोजन के लिये व्यापक दिशा-निर्देश देते हुये कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाय कि स्टाम्प अदालतों में अधिक से अधिक वाद निस्तारित हों। यह सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं कि स्टाम्प न्यायालयों द्वारा आयोजित स्टाम्प अदालत का अपर जिलाधिकारी (वि/रा0) द्वारा दिन में एक बार निरीक्षण अवश्य किया जाय तथा स्टाम्प अदालत में नियत वादों के पक्षकारों/अधिवक्ताओं को समय से सूचित किया जाय एवं अपर जिलाधिकारी (वि/रा0) व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में आयोजित स्टाम्प अदालत में नियत वादों के सापेक्ष निस्तारण किये जाने का दैनिक पर्यवेक्षण किया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ के आयोजन के बारे में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाय, ताकि अधिक से अधिक पक्षकार/वादकारी, इससे लाभ उठा सकें।
डॉ0 रोशन जैकब ने जिलाधिकारीयों से यह भी अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में शासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का परिपालन अनिवार्य रूप से कराया जाना सुनिश्चित किया जाय
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