केंद्र सरकार द्वारा इस साल जब पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ तो उसमें कई ऐसे नाम हैं जो चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रहने वाले शिवानंद बाबा का नाम है। 126 साल की उम्र के शिवानंद बाबा को केंद्र की मोदी सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया है। शिवानंद बाबा वाराणसी के कबीर नगर इलाके में रहते हैं और 126 साल की उम्र में भी एकदम स्वस्थ हैं। लोग अब उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, लोग यह भी जानना चाहते हैं कि ये बाबा क्या खाते-पीते हैं।

दरअसल, शिवानंद बाबा के आधार कार्ड पर उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है। आजतक ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस जन्मतिथि के हिसाब से शिवानंद बाबा दुनिया के सबसे बुजुर्ग इंसान हैं, लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जापान के चित्तेसु वतनबे के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है। फिलहाल पद्म श्री अवार्ड मिलने के ऐलान के बाद शिवानंद बाबा एकबार फिरसे चर्चा में आ गए हैं। इस दौरान उनकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।कर चुके हैं दुनिया का भ्रमण 

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शिवानंद बाबा ने कहा कि उनका जन्म बंगाल के श्रीहट्टी जिले में 8 अगस्त 1896 में हुआ था। भूख के कारण उनके माता-पिता चल बसे थे, तब से लेकर बाबा ने केवल आधा पेट भोजन करने का संकल्प लिया, जिसे वे अब तक निभा रहे हैं। कुछ समय बाद वह बंगाल से काशी पहुंचे और यहीं गुरु ओंकारानंद से शिक्षा ली। 1925 में अपने गुरु के आदेश पर वह दुनिया के भ्रमण पर चले गए थे। करीब 34 साल तक देशविदेश को उन्होंने नाप डाला।

दो साल वृंदावन, 1979 से वाराणसी में
आश्रम में दीक्षा लेने के बाद 1977 में वृंदावन चले गए। दो साल वृंदावन में रहने के बाद 1979 में वाराणसी आ गए। तब से यहीं रह रहे हैं। बाबा कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। एयरपोर्ट पर भी इतनी उम्र में बिना किसी सपोर्ट उन्हें देख लोग हैरान भी होते हैं। 

योग और धर्म में गहरी जानकारी
साल 1979 से वह वाराणसी में ही रह रहे हैं और कुछ साल बाद वाराणसी में ही वे योग और स्वस्थ दिनचर्या के लिए लोगो को प्रेरित करने लगे। गरीबों के प्रति उनकी आत्मीय भावना है। काशी के बारे में उनका कहना है कि यह पवित्र भूमि के साथ-साथ तपोभूमि भी है। यहां पर स्वयं भगवान शंकर विराजते हैं, इसलिए उन्हें यहीं अच्छा लगता है। शिवानंद बाबा को योग और धर्म में बहुत गहरी जानकारी हासिल है।शिवानंद बाबा की दिनचर्या

बाबा प्रतिदिन तड़के तीन बजे उठ जाते हैं और एक घंटे योग का अभ्यास करते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करने के बाद वो अपने दिन की शुरुआत करते हैं। वे मां चंडी और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करते हैं। भोजन को लेकर वे बार-बार कहते हैं कि शुद्ध और शाकाहारी भोजन करने के कारण ही वो पूरी तरह से निरोगी हैं।

क्या खाते हैं, क्या नहीं खाते
शिवानंद बाबा सिर्फ उबला हुआ खाना खाते हैं। उन्होंने खुद बताया कि वह फल और दूध का सेवन नहीं बल्कि सिर्फ उबला हुआ भोजन करते है। वे सिर्फ सेंधा नमक खाते हैं। इस वजह से वो 126 सालों जिंदा और पूरी तरह से स्वस्थ हैं, बाबा भोजन भी संतुलित ही करते हैं। गरीब लोगों को फल और दूध नसीब नहीं होते तो बाबा भी इन्हें ग्रहण नहीं करते।

पद्मश्री मिलने पर बहुत खुश 
बाबा पद्मश्री अवार्ड मिलने से वो खुश हैं, उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया है। शिवानंद बाबा का कहना है कि जीवन में सामान्य तरीके से जीना चाहिए। शाकाहारी भोजन करने की वजह से वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बाबा के वैद्य डॉक्टर एसके अग्रवाल ने बताया कि बाबा सात्विक भोजन करते हैं और पूरी तरह से डिसिप्लिन के साथ जिंदगी जीते हैं। उनके जीवन में योग का बहुत ही महत्वपूर्ण है।

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