कारखियाव में अमूल प्लांट की स्थापना से पूर्वांचल में सहकारिता के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा। बनारस, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर में दो हजार से ज्यादा दुग्ध सहकारी समितियां बनाई जाएंगी। इनसे 40 से 50 हजार किसान व पशुपालक जुड़ेंगे।30 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित होने वाले अमूल प्लांट के 70-80 किमी क्षेत्र में ये सहकारी समितियां बनाई जाएंगी। सामान्य तौर पर एक गांव में एक दुग्ध सहकारी समिति बनेगी। दूध की कम उपलब्धता पर दो से तीन गांवों को शामिल किया जाएगा। बनास डेयरी में पशुपालकों की सहकारी समितियों के माध्यम से ही दूध की खरीदारी होती है।
पशुपालक से अमूल प्लांट तक पहुंचने के दौरान दूध को ठंडा करने के लिए कई गांवों में चिलिंग प्लांट लगाए जाएंगे। उनमें एक निश्चित तापमान पर ठंडा होने के बाद दूध प्लांट तक भेजा जाएगा जिससे कि दूध खराब न हो सके।
अमूल प्लांट में दूध उत्पादन के अलावा दही, पनीर, आइस्क्रीम, चॉकलेट व मिठाइयां भी बनेंगी। करखियांव प्लांट से प्रदेश के अन्य शहरों के अलावा देश भर में कई उत्पादों का निर्यात होगा। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
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