धाम के निर्माण में पसीना बहाने वाले मजदूर भी विशेष मेहमान होंगे। इस कार्य में लगे करीब 2300 मजदूरों संग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोटोग्राफी कराएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से यह कार्यक्रम फाइनल होने के बाद अब मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।
काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों को विग्रह सहित स्थापित किया गया है। मंदिर को बड़े ही भव्य और आकर्षक तरीके से बनाया गया है। करीब दो साल में बनकर तैयार इस मंदिर के निर्माण में अलग अलग राज्यों के कुल 2300 मजदूरों ने काम किया।33 महीनों से चल रहे धाम के प्रथम चरण का काम पूरा हो गया। कार्यदायी संस्था ने बाबा के नूतन धाम को मंदिर प्रशासन को हस्तांतरित कर दिया। देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री गंगा गेट से प्रवेश करेंगे और बाबा विश्वनाथ का पूजन और धाम का लोकार्पण करने के बाद मल्टी परपज हॉल, बनारस गैलरी और मुमुक्षु भवन भी देखेंगे।
गंगा व्यू गैलरी से पीएम पूरे धाम का जायजा भी लेंगे। शनिवार की देर रात तक लोकार्पण के पहले धाम को पूर्ण करने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। धाम की सजावट के अलावा पहले चरण में स्वीकृत दो भवनों सिक्योरिटी आफिस व नीलकंठ पैवेलियन को छोड़ दें तो लगभग सारे भवन पूरे हो चुके हैैं। इनमें मंदिर चौक व इसकी व्यू गैलरी, बनारस गैलरी, मल्टीपरपज हाल व मुमुक्षु भवन शामिल हैं। निर्माण कंपनी का पूरा जोर अब इन्हें चमकाने पर है
काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों को विग्रह सहित स्थापित किया गया है। मंदिर को बड़े ही भव्य और आकर्षक तरीके से बनाया गया है। करीब दो साल में बनकर तैयार इस मंदिर के निर्माण में अलग अलग राज्यों के कुल 2300 मजदूरों ने काम किया।33 महीनों से चल रहे धाम के प्रथम चरण का काम पूरा हो गया। कार्यदायी संस्था ने बाबा के नूतन धाम को मंदिर प्रशासन को हस्तांतरित कर दिया। देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री गंगा गेट से प्रवेश करेंगे और बाबा विश्वनाथ का पूजन और धाम का लोकार्पण करने के बाद मल्टी परपज हॉल, बनारस गैलरी और मुमुक्षु भवन भी देखेंगे।
गंगा व्यू गैलरी से पीएम पूरे धाम का जायजा भी लेंगे। शनिवार की देर रात तक लोकार्पण के पहले धाम को पूर्ण करने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। धाम की सजावट के अलावा पहले चरण में स्वीकृत दो भवनों सिक्योरिटी आफिस व नीलकंठ पैवेलियन को छोड़ दें तो लगभग सारे भवन पूरे हो चुके हैैं। इनमें मंदिर चौक व इसकी व्यू गैलरी, बनारस गैलरी, मल्टीपरपज हाल व मुमुक्षु भवन शामिल हैं। निर्माण कंपनी का पूरा जोर अब इन्हें चमकाने पर है
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