गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
अंबेडकरनगर। धान खरीद की सुस्त प्रक्रिया से किसानों की सैकड़ों ट्राली धान क्रय केंद्रों पर बिक्री का इंतजार कर रहा है खसरा खेतौनी का सही सत्यापन न होने के कारण व्यापारियों और विचौलिये मलाई काट रहे है और क्षेत्र के किसान परेशान है धान खरीद को लेकर अकबरपुर क्षेत्र ही नही बल्कि पूरे जिले में हाय तौबा मची है लेकिन व्यापारियों पर इसका कोई असर नही पड़ रहा क्षेत्र के छोटे किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे है तो व्यापारियों द्वारा सिस्टम को साध कई ट्राली धान क्रय केंद्र पर तौल होने की चर्चा है क्षेत्रीय किसान अपनी बारी का इंतजार कर क्रय केंद्र पर झड़प करते भी सुने जाते है तो कुछ किसानों की राते हफ्ते भर से क्रय केंद्र पर गुजर रही है क्षेत्र में सुस्त धान खरीद व क्रय केंद्रों की कमी किसानों को व्याकुल कर रही है तो वही अगर सूत्रों की माने तो व्यापारियों और रसूखदार लोगो का धान क्रय केंद्र पर तौल किया जाता है जबकि व्यापारी वर्ग प्रतिकुन्तल एक रकम क्रय केंद्र पर देते है जिससे उनका धान बिना टोकन के तौल किया जाता है जिससे क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है
सवाल ये उठता है कि बिना अधिकारियों के शह के इतनी बड़ी अनियमितता कैसे की जा सकती है।अन्नदाताओं पर भारी पड़ रही है क्रय केंद्र पर बिक्री को आयी ट्रालियों की रखवाली करने में किसानों की सर्द राते क्रय केंद्र पर गुजर रही है *जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन* के लाख कोशिशों के बावजूद अकबरपुर विकास खण्ड के किसानों को धान की बिक्री के लिए समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
सरकार किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाए जाने का दावा तो कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है धान क्रय केंद्र पर तौल न होने से किसान अपनी उपज को आढ़तियों और व्यापारियों को औने पौने बेचने को मजबूर है किसान के सामने गेंहू की फसल की बुवाई चुनौती बन रही है नौ सौ से एक हजार रुपये प्रति कुंतल बिक रहा धान किसान के अरमानों पर पानी फेर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के किसानों का पंजीकरण लगा व्यापारी मौज काट रहे है किसानों के गुस्से को देखते हुये यह प्रतीत हो रहा है किसान अपनी भड़ास चुनाव में निकाल सकते है।
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