▶️👉 *धान खरीद में गड़बड़ी करने वाले क्रय प्रभारियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर, डीएम ने दिए आदेश*
▶️👉 *कृषकों की धान की खरीद में हीलाहवाली करने वाली एजेंसियों की तय होगी जिम्मेदारी*
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने धान खरीद में जनपद के सभी क्रय प्रभारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी भी स्तर पर किसानों से धान खरीद में शिथिलता बरतने या बिचौलियों का धान खरीदने की शिकायत मिलने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने सभी क्रय एजेंसियों को लिखित रूप से पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में विभिन्न कय एजेंसीज के संचालित धान कय केन्द्रों पर अपने उत्पाद के विपणन हेतु आने वाले किसानों द्वारा प्रायः यह शिकायत की जाती है कि उन्हें कय केन्द्रों पर काफी समय तक इंतजार कराया जाता है अथवा कोई न कोई कमी बताकर धान खरीद करने से मना किया जाता है। कतिपय कय केन्द्र प्रभारियों द्वारा कृषकों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायतें भी मिलीं हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में कुल 98 धान कय केन्द्र स्थापित व संचालित हैं, इनमें खाद्य विपणन विभाग के 13, पीसीएफ के 24 यूपीएसएस के 22, यूपीपीसीयू के 35 तथा भारतीय खाद्य निगम व मण्डी समिति के 2-2 कय केन्द्र हैं।
उन्होने जिला खाद्य विपणन अधिकारी को निर्देशित किया है कि निरन्तर इस बात पर बल दिया जा रहा है कि कय केन्द्रों पर किसानों को अपने उत्पाद के विपणन में सहयोग प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी किसान को परेशान न होना पड़े, इसके बावजूद किसानों की ओर से प्राप्त होने वाली शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई हैं। अतः लापरवाह व किसानों का धान खरीदने में आनाकानी करने वाली क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही की जाय। उन्होंने निर्देशित किया है कि धान क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को सुगमतापूर्वक अपने उत्पाद का विपणन सुनिश्चित कराने तथा वहा की व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण हेतु यह आवश्यक है कि क्रय एजेंसीज के जिला प्रभारी प्रतिदिन अधिक से अधिक कय केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां पर व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करते हुए किसानों से फीडबैक भी प्राप्त करें और यदि किसी कय केन्द्र प्रभारी द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही की जा रही है । अथवा किसानों का शोषण करने की पुष्टि होती है तो सम्बन्धित केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के साथ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाए। उन्होंने स्पष्ट आदेश दिए हैंै कि जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, जिला प्रबन्धक पीसीएफ, जिला प्रभारी यूपीएसएस तथा जिला प्रभारी यूपीपीसीयू अपने विभाग व एजेंसी के कम से कम पांच-पांच क्रय केन्द्रों का प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे तथा निरीक्षण आख्या निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन उन्हें उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सचिव मण्डी समिति गोण्डा एवं मण्डी समिति नवाबगंज अपने कय केन्द्रों का प्रतिदिन निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां पर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसी प्रकार क्षेत्रीय प्रबंधक, भारतीय खाद्य निगम द्वारा अपनी एजेंसी के दोनों कय केन्द्रों का प्रतिदिन निरीक्षण करते हुए कार्यवाही संपादित की जाएगी। जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा विपणन शाखा के कय केन्द्रों के साथ-साथ अन्य एजेंसीज के क्रय केन्द्रों का भी रैण्डम तौर पर निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का गहनता के साथ पर्यवेक्षण किया जाएगा तथा पाई गई कमियों का निराकरण कराते हुए निरीक्षण आख्या प्रस्तुत की जाएगी। क्रय एजेंसी के जिला प्रभारियों को आगाह किया है कि समस्त क्रय केन्द्रों का संचालन शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप सुनिश्चित कराते हुए यह भी देखें कि कृषकों को अपने उत्पाद का विपणन करने के 72 घंटे के अन्दर भुगतान अवश्य प्राप्त हो जाए। उन्होंने कहा है कि जिला प्रभारियों की यह भी जिम्मेदारी है कि कय केन्द्रों से धान की डिलीवरी मिलर्स को नियमित रूप से की जाए, ताकि केंद्र पर धान इकट्ठा न हो।
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