उतरौला (बलरामपुर)
नगर के मुख्य मार्ग स्थित दुखहरण नाथ मंदिर के द्वार पर बने नाले का ढक्कन पिछले कई वर्षों से टूटा हुआ है। मंदिर आने जाने वाले राहगीरों व श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 
नाले का ढक्कन टूटा होने के कारण अक्सर छुट्टा मवेशी, राहगीर व श्रद्धालु नाले में गिर कर चोटिल हो जाते हैं।  नाले से उठने वाली दुर्गंध से मोहल्ला वासी और राहगीर परेशान हैं। संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है। मोहल्ला वासी व श्रद्धालुओं ने कई बार नगर पालिका प्रशासन से नाले पर ढक्कन लगाए जाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे नगर के श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि नाले के पीछे प्राचीन दुखहरण नाथ मंदिर स्थित है। और नाले के बगल दुखहरण नाथ मंदिर द्वार से प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजन,अर्चन व दर्शन करने मंदिर जाते हैं। कई त्योहारों में मंदिर में भारी भीड़ आती है। तमाम श्रद्धालु द्वार के बगल बने नाले में गिर जाते हैं।
इस कारण राहगीर ही नहीं बेसहारा पशु भी आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। हादसों का सबब बन रहे नाले की ओर नगर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
गौरतलब है कि पानी की निकासी को लेकर नाले का निर्माण किया गया है। जिनकी सफाई देखरेख का जिम्मा नप प्रशासन का है। नप की अनदेखी के कारण नाले का ढक्कन टूटा व गंदगी से पटा पड़ा है। 
सचिन गुप्ता, तरुण मौर्य, मोजिद हुसैन, अमर शर्मा, अंचल गुप्ता, शिवा शर्मा, शैलेश आदि ने नाले पर ढक्कन लगाए जाने की मांग नगर पालिका व जिला प्रशासन से किया है।
असग़र अली
उतरौला

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