मुख्यमंत्री आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला के
अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में वन्दे मातरम का
सामूहिक गायन एवं योग तथा खेल, कौशल का प्रदर्शन किया गया

स्टेडियम के मैदान में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा मानव श्रृंखला
बनाकर अखण्ड भारत का मानचित्र प्रदर्शित किया गया

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शहीदों के परिजनों एवं सैन्य पदकों
से सम्मानित अधिकारियों को प्रतीक चिन्ह एवं शाल देकर सम्मानित किया

प्रधानमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर
05 संकल्पों के साथ जुड़ने का आह्वान किया

यह अमृत काल देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और स्वतंत्र भारत में
देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर शहीदों के त्याग व बलिदान,
उनके विचारों को आत्मसात करने का एक अवसर भी है
लखनऊ: 22 दिसम्बर, 2021

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम, लखनऊ में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में वन्दे मातरम का सामूहिक गायन एवं योग तथा खेल, कौशल का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर स्टेडियम के मैदान में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर अखण्ड भारत का मानचित्र प्रदर्शित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डाॅ0 प्रह्लाद प्रसाद प्रजापति एवं  परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, शहीद रायफल मैन सुनील जंग, शहीद लांस नायक केवलानन्द द्विवेदी के परिजनों को प्रतीक चिन्ह एवं शाॅल देकर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर वीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर नवीन सिंह, मेजर धीरेन्द्र नाथ सिंह, कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी, कैप्टन शत्रुघन सिंह तथा शौर्य चक्र विजेता कैप्टन चंचल सिंह एवं वायु सेना मेडल विजेता ग्रुप कैप्टन राजीव सिंह चैहान को भी एक प्रतीक चिन्ह एवं शाल देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन अमृत महोत्सव आयोजन समिति एवं क्रीड़ा भारती उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन लखनऊ को देश की आजादी के अमृत महोत्सव से जोड़ रहा है। भारत की आजादी केवल मांगने से नहीं मिल पायी थी। आजादी के लिए एक लम्बा संघर्ष हुआ था। उस लम्बे संघर्ष की कीमत देश की वर्तमान व भावी पीढ़ी समझ सके, इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम देश में शुरू किया। इस कार्यक्रम को अमृत काल के रूप में मान्यता देकर प्रत्येक नागरिक से आग्रह किया गया कि वह देश के अमृत महोत्सव कार्यक्रम एवं अमृत काल के महत्व को समझे। जिन महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा भारत माता के अमर सपूतों ने अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए भारत की आजादी के लिए अपने आपको समर्पित कर दिया था, उन सभी का स्मरण करते हुए उनके बलिदान से प्रेरणा ग्रहण करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का यह अवसर देश की आजादी के उन संकल्पों के साथ जुड़ने का एक आयोजन है, जो संकल्प इस देश के उन महान सपूतों ने लिये थे, जिनके बलिदान के कारण भारत को स्वाधीनता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग समय में आजादी का आन्दोलन चलता रहा, लेकिन सामूहिक प्रयास वर्ष 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में देखने को मिले थे। प्रथम स्वातंत्र्य समर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसका केन्द्र बिन्दु उत्तर प्रदेश था। उत्तर प्रदेश में बलिया से मंगल पाण्डेय, गोरखपुर से शहीद बन्धु सिंह तथा मेरठ में धर्म सिंह कोतवाल के नेतृत्व में इस लड़ाई को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई ने ‘मैं अपनी झांसी हरगिज नहीं दूंगी’ के संकल्प के साथ विदेशी हुकूमत के खिलाफ पूरी मजबूती के साथ लड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी के लिए वीरांगना अवन्ती बाई, वीरांगना झलकारी बाई, वीरांगना ऊदा देवी ने भी अपनी प्रमुख भूमिका निभायी। इनके उपरान्त भी स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष निरन्तर जारी रहा। चैरी-चैरा तथा काकोरी की घटनाओं ने भी क्रान्ति की ज्वाला को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम का परिणाम है कि आज एक तरफ देश की आजादी का अमृत महोत्सव तथा दूसरी तरफ चैरी-चैरा की ऐतिहासिक घटना का शताब्दी महोत्सव मनाने का अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 05 संकल्पों के साथ जुड़ने का आह्वान किया है। यह 05 संकल्प भारत के प्रत्येक नागरिक, छात्र, युवा, बुजुर्ग, महिला-पुरुष, कामकाजी एवं व्यवसायी के लिए आवश्यक है। अमृत काल की ऊर्जा का उपयोग भारत को एक नये भारत के रूप में स्थापित करने के संकल्प के साथ करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अमृत काल देशवासियों के लिए प्रेरणा एवं संकल्प है। देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और स्वतंत्र भारत में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर शहीदों के त्याग व बलिदान, उनके विचारों को आत्मसात करने का एक अवसर भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब हम सब इसी से जान सकते हैं कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के प्रारम्भिक दौर में भारत को पी0पी0ई0 किट, सैनिटाइजर के लिए परेशान होना पड़ा था। आज वही भारत पी0पी0ई0 किट दुनिया के तमाम देशों को निर्यात कर रहा है। भारत में देश के नागरिकों के जीवन और जीविका को बचाने का कार्य किया गया है। आज उसी भारत में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कोविड वैक्सीन विकसित कर न केवल भारत के 135 करोड़ लोगों को बचाया जा रहा है, बल्कि दुनिया के कई मित्र देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराकर भारत अपनी नयी ताकत का एहसास करा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अमृतकाल भारत के नागरिकों को सम्मान व स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर करते हुए आत्मनिर्भर भारत की एक सुरक्षित, एक समृद्ध और एक श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का एक माध्यम है। देश एक ओर अपनी सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का कार्य भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबों को निःशुल्क आवास, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन तथा आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज दुश्मन कहीं से भी भारत में घुसने का दुःसाहस करता है तो एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से जवाब देने का जज्बा भारत की सेना रखती है। भारत के सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना के लिए अयोध्या में श्री राम मन्दिर के निर्माण की कार्यवाही, काशी में भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण जैसे आयोजन किये गये हैं। साथ ही, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए परम्परागत उद्यमों को आगे बढ़ाने के कार्य से नये भारत की एक नयी तस्वीर देश के सामने प्रस्तुत हो रही है। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर और भी मजबूती के साथ बढ़ेगी, जब भारत की 135 करोड़ की जनता एक स्वर से बोलती दिखायी देगी, तब नया भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में देश व दुनिया के सामने आएगा। सभी को संकल्प लेना होगा कि अमृत काल में नये भारत के नये उत्तर प्रदेश को स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोगों को भी इसके साथ जुड़ना होगा।
इस अवसर पर लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित जनप्रतिनिधिगण, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सैनिकों के परिजन, शासन-प्रशासन वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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