मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ: 03 दिसम्बर, 2021
मंत्रिपरिषद ने भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जनपद सहारनपुर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए0टी0एस0) इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेन्टर स्थापित किये जाने हेतु राजस्व ग्राम नूरपुर अन्दर हदूद जेड0ए0 तहसील देवबन्द, जनपद सहारनपुर में गाटा संख्या-303, 304, 309 क्षेत्रफल 2000 वर्गमीटर, उद्योग विभाग की राजकीय पायलट वर्कशाप (प्रशिक्षण केन्द्र) की चिन्हित भूमि निःशुल्क आवंटित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। समस्त अभिलेखों की पुष्टि करने के उपरान्त ही प्रस्तावित भूमि के हस्तान्तरण से सम्बन्धित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि पुलिस महानिरीक्षक, आतंकवाद निरोधक दस्ता, उत्तर प्रदेश द्वारा भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जनपद सहारनपुर में ए0टी0एस0 की इकाई स्थापित किये जाने हेतु न्यूनतम 2000 वर्गमीटर निःशुल्क सरकारी भूमि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उक्त भूमि ए0टी0एस0 को आवंटित करने का निर्णय लेते हुए प्रश्नगत भूमि आवंटित किये जाने के सम्बन्ध में आयुक्त/निदेशक उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन, उ0प्र0 को निर्देशित किया गया। शासन द्वारा लिए गये निर्णय के अनुक्रम में उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र सहारनपुर द्वारा सन्दर्भित भूमि का चिन्हीकरण राजकीय पायलट वर्कशाप देवबन्द सहारनपुर में किया गया है। इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय द्वारा आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए0टी0एस0) इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना हेतु भवन निर्माण कार्य का विस्तृत आगणन गठित किये जाने हेतु उ0प्र0 पुलिस आवास निगम लि0 से अनुरोध किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने जनपद अयोध्या में पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं का विकास कराए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं हेतु पूर्व निर्गत शासनादेश दिनांक 06 सितम्बर, 2021 को संशोधित तथा वित्त विभाग के शासनादेश दिनांक 13 दिसम्बर, 2019 की व्यवस्थाओं को शिथिल करते हुए चिन्हित परियोजनाओं को त्वरित गति से पूर्ण कराने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण, अयोध्या को राजकीय कार्यदायी संस्था नामित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि इन परियोजनाओं के तहत 5601.50 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मोहल्ला मच्छरहट्टा अयोध्या स्थित नजूल भू-खण्ड पर पब्लिक एम्निटीज एवं एक मंजिला पार्किंग का निर्माण प्रस्तावित है। टेढ़ी बाजार चौराहे पर 6615.72 लाख रुपये की अनुमानित लागत से पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग तथा जनसुविधाओं का विकास कराया जाएगा। श्री राम गुलेला मन्दिर गाटा संख्या-242 पर पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग की व्यवस्था 1204.62 लाख रुपये की अनुमानित लागत से करायी जाएगी।
जनपद अयोध्या में पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत 06 स्थानों पर पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं का विकास कराने के सम्बन्ध में आयुक्त अयोध्या मण्डल द्वारा 20969.74 लाख रुपये के प्रस्ताव उपलब्ध कराये गये। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रथम अनुपूरक मांग के माध्यम से 20969.74 लाख रुपये की बजट व्यवस्था कर ली गयी है। 06 स्थानों पर पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं के विकास के लिए 03 स्थानों पर अयोध्या विकास प्राधिकरण, अयोध्या पूर्व से ही कार्यदायी संस्था नामित है। पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं का विकास हो जाने के पश्चात अयोध्या में आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं तथा आमजन को सुविधा प्राप्त होगी।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में मुख्य खनिजों के अन्वेषित ब्लॉकों को ई-नीलामी के आधार पर परिहार पर व्यवस्थित करने हेतु मै0 एस0बी0आई0 कैपिटल मार्केट लिमिटेड को ट्रान्जेक्शन एडवाइजर तथा ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने हेतु मै0 एम0एस0टी0सी0 लिमिटेड को 02 वर्ष के लिए नामित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश में पहली बार मुख्य खनिजों की ई-नीलामी की कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के जनपद सोनभद्र एवं ललितपुर में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा मुख्य खनिजों के 05 ब्लॉक तथा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मुख्य खनिजों के 04 ब्लॉक अन्वेषित किये गये हैं। इसके अलावा, खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 06 सितम्बर, 2021 को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा अन्वेषित 03 खनिज ब्लॉक की अन्वेषण रिपोर्ट उपलब्ध करायी गयी। इस प्रकार प्रदेश में मुख्य खनिज के 12 ब्लॉक उपलब्ध हैं। इन अन्वेषित 12 ब्लॉकों में मुख्य रूप से रॉक फॉस्फेट, एण्डालूसाइट, स्वर्ण, ग्लूकोनाइट (पोटास), लौह अयस्क के रूप में पाया गया है। उक्त खनिजों को ई-ऑक्शन के माध्यम से परिहार पर व्यवस्थित किया जाना है। इन 12 ब्लॉकों में से 05 ब्लॉक एण्डालूसाइट के और 01 ब्लॉक प्लेटिनम समूह के धातुओं के अयस्क से सम्बन्धित हैं।
इस निर्णय द्वारा मुख्य खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित होने से राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ उर्वरक आदि उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। खनन संक्रिया तथा अन्वेषित खनिजों से सम्बन्धित उद्योगों में जनसामान्य को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने मा0 मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में राज्य/जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त कुल लगभग पांच हजार पत्रकारों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को सम्मिलित करते हुए चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने प्रकरण में भविष्य में किसी भी परिवर्तन/संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत भी किया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में राज्य स्तर/जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आम नागरिकों की भांति सरकारी चिकित्सालयों में उपचार की पूर्ण व्यवस्था है। परन्तु पत्रकारों के कार्य प्रकृति जोखिम भरी होने के कारण उनके स्वास्थ्य हेतु उपचार की तात्कालिकता के दृष्टिगत प्राइवेट चिकित्सालयों में मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सामाजिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया जाना है। इस चिकित्सा सुविधा हेतु राज्य/जिला स्तर पर सभी मान्यता प्राप्त पत्रकार पात्र होंगे।
प्रदेश के राज्य स्तर/जिला स्तर मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न मीडिया संस्थानों के माध्यम से कराए जाने, जन सामान्य के बीच जाकर उनकी समस्याओं एवं उनकी कठिनाइयों को सरकार तक पहंुचाने तथा सरकार की योजनाओं एवं नीतियों को जन सामान्य तक पहुंचाने के कार्य की विशिष्टता के दृष्टिगत, राज्य स्तर/जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को मा0 मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत सरकारी चिकित्सालयों के अलावा निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की सुविधा अनुमन्य करायी जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 से उत्तर प्रदेश में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना लागू किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का क्रियान्वयन करना प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मानक के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में आगामी 03 वर्ष में कुल 1475 कृषक उत्पादक संगठन का गठन राज्य बजट से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा एआई0एफ0 (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रचर फण्ड) के अन्तर्गत प्रदेश को आवंटित लगभग 12000 करोड़ रुपये के बजट के उपयोग हेतु निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति में प्रश्नगत योजना से सहायता प्राप्त होगी। इसके अन्तर्गत कृषि अवसंरचनाओं का सतत विकास होगा। भारत सरकार द्वारा उक्त योजना के अन्तर्गत 03 प्रतिशत वार्षिक उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु प्रदान करने के साथ-साथ 02 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण की गारन्टी की सुविधा भी प्रदान किया जाता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 10,000 एफ0पी0ओ0 के गठन के लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश में भारत सरकार की संस्थाओं यथा नाबार्ड, नैफेड एस0एफ0ए0सी0 तथा एन0सी0डी0सी0 द्वारा प्रतिवर्ष 200 कृषक उत्पादक संगठनों (एफ०पी०ओ०) के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक परियोजना का क्रियान्वयन किए जाने के फलस्वरूप राज्य सरकार पर समेकित रूप से 1220.92 करोड़ रुपये का व्यय भार सम्भावित है। इसके मुख्य घटक निम्नवत है:-
घटक-1 कृषि उत्पादन संगठन का विकास एवं प्रोत्साहन उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम एक कृषक उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार के मानकों के समान राज्य सरकार के बजट से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 225 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन, वर्ष 2022-23 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन तथा वर्ष 2023-24 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार 1475 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन योजनान्तर्गत किया जाएगा। इस प्रयास से वित्तीय वर्ष 2023-24 के अन्त तक प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में न्यूनतम 03 फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियाँ स्थापित हो जायेंगी। उक्त परियोजना अवधि में लगभग 634.25 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है। इससे लगभग 14.75 लाख शेयर होल्डर किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।
घटक-2 केन्द्र सरकार द्वारा गठित कृषि अवस्थापना निधि के उपयोग हेतु प्रोत्साहन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 01 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना निधि (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड) का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश को लगभग 12000 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा लाभार्थियों को 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान के साथ-साथ 02 करोड़ रुपये तक के ऋण की बैंक गारन्टी भी उपलब्ध करायी जाती है।
उप घटक-1 सहकारी संस्थाओं (पैक्स) को प्रोत्साहन 1500 पैक्स को एक मुश्त 60 करोड़ रुपये मार्जिन मनी सहायता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है। फलस्वरूप सम्बन्धित समस्त पैक्स को 01 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर कृषि अवस्थापना सृजन हेतु संकलित रूप से 240 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध होगा। इससे लगभग 1500 प्रत्यक्ष 3000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ-साथ लगभग 22.50 लाख कृषकों को सीधा लाभ प्राप्त होगा।
उप घटक-2 कृषक उत्पादक संगठनों को पोस्ट-हार्वेस्ट अवस्थापना सुविधाओं हेतु प्रोत्साहन-कृषि अवस्थापना निधि के अन्तर्गत उपलब्ध ऋण पर 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। प्रश्नगत योजनान्तर्गत 05 वर्ष में कुल 1500 कृषक उत्पादक संगठनों को 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु दिये जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार योजना के प्रत्येक कृषक उत्पादक संगठन को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। इससे सम्बन्धित संगठनों द्वारा संकलित रूप से 2250.00 करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न उद्यम स्थापना हेतु किया जाना प्रस्तावित है। ब्याज उपादान मद में संकलित रूप से 239.55 करोड़ रुपये का ब्याज भार अनुमानित है।
उप घटक-3 कृषक उद्यमियों को प्रोत्साहन-प्रश्नगत योजनान्तर्गत 05 वर्ष की अवधि में 5000 कृषक उद्यमियों को उनके उद्यम स्थापना हेतु 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु प्रदान किये जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार योजना के प्रत्येक कृषक उद्यमी को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। प्रश्नगत योजना के लाभार्थियों/उद्यमियों द्वारा संकलित रूप से 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। ब्याज उपादान मद में संकलित रूप से 270.90 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है।
उप घटक-4 मण्डी समितियों को कृषि अवस्थापना निधि के उपयोग हेतु प्रोत्साहन-प्रदेश की 27 मण्डियों में किसानों के उपयोगार्थ अवस्थापना सुविधाओं के सृजन पर 140 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इसके सापेक्ष प्रश्नगत योजनान्तर्गत 126 करोड़ रुपये के ऋण पर 03 प्रतिशत ब्याज उपादान प्रस्तावित है। इस प्रकार योजना सेे प्रत्येक मण्डी को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। इस पर 07 वर्ष की अवधि में संकलित रूप से 15.12 करोड़ रुपये का कुल व्यय भार सम्भावित है। प्रश्नगत योजना से सतत रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
मंत्रिपरिषद ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग में डिजिटली इनेबल्ड शिक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से शैक्षिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किये जाने एवं विश्वस्तरीय तकनीकी सहयोग प्राप्त किये जाने हेतु भारत सरकार के माध्यम से विश्व बैंक से वित्त पोषण प्राप्त करने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
मंत्रिपरिषद ने प्रशासकीय विभागों एवं विश्व बैंक से समन्वय कर प्रारम्भिक परियोजना प्रस्ताव (पी0पी0आर0) तैयार कर आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषण आदि औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने हेतु बाह्य सहायतित परियोजना विभाग को नोडल विभाग नामित किये जाने तथा इस हेतु सचिव, बाह्य सहायतित परियोजना विभाग की अध्यक्षता में प्रशासकीय विभागों के अधिकारियों की समन्वय समिति गठित किये जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य के सभी छात्र-छात्राओं को तेजी से प्रगतिशील राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक और प्रौद्योगिकी से समृद्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शासकीय विद्यालयों मंे अध्ययनरत समस्त (प्री-स्कूल से अण्डर ग्रेजुएट स्तर तक) के छात्र-छात्राओं के बेहतर शिक्षण परिणाम हेतु डिजिटली इनेबल्ड शिक्षा प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अवधारित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर कक्षा 12 तक सिस्मेटिक कैपेसिटी बिल्डिंग की आवश्यकता तथा क्षमता संवर्धन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की अपरिहार्यता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जनपद सहारनपुर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए0टी0एस0)
इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेन्टर स्थापित किये जाने हेतु राजस्व ग्राम नूरपुर अन्दर हदूद जेड0ए0 तहसील देवबन्द,
जनपद सहारनपुर में उद्योग विभाग की राजकीय पायलट वर्कशाप (प्रशिक्षण केन्द्र) की चिन्हित भूमि
निःशुल्क आवंटित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेन्टर स्थापित किये जाने हेतु राजस्व ग्राम नूरपुर अन्दर हदूद जेड0ए0 तहसील देवबन्द,
जनपद सहारनपुर में उद्योग विभाग की राजकीय पायलट वर्कशाप (प्रशिक्षण केन्द्र) की चिन्हित भूमि
निःशुल्क आवंटित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
ज्ञातव्य है कि पुलिस महानिरीक्षक, आतंकवाद निरोधक दस्ता, उत्तर प्रदेश द्वारा भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जनपद सहारनपुर में ए0टी0एस0 की इकाई स्थापित किये जाने हेतु न्यूनतम 2000 वर्गमीटर निःशुल्क सरकारी भूमि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उक्त भूमि ए0टी0एस0 को आवंटित करने का निर्णय लेते हुए प्रश्नगत भूमि आवंटित किये जाने के सम्बन्ध में आयुक्त/निदेशक उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन, उ0प्र0 को निर्देशित किया गया। शासन द्वारा लिए गये निर्णय के अनुक्रम में उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र सहारनपुर द्वारा सन्दर्भित भूमि का चिन्हीकरण राजकीय पायलट वर्कशाप देवबन्द सहारनपुर में किया गया है। इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय द्वारा आतंकवाद निरोधक दस्ता (ए0टी0एस0) इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना हेतु भवन निर्माण कार्य का विस्तृत आगणन गठित किये जाने हेतु उ0प्र0 पुलिस आवास निगम लि0 से अनुरोध किया गया है।
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जनपद अयोध्या में पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा
जनसुविधाओं का विकास कराए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित
ज्ञातव्य है कि इन परियोजनाओं के तहत 5601.50 लाख रुपये की अनुमानित लागत से मोहल्ला मच्छरहट्टा अयोध्या स्थित नजूल भू-खण्ड पर पब्लिक एम्निटीज एवं एक मंजिला पार्किंग का निर्माण प्रस्तावित है। टेढ़ी बाजार चौराहे पर 6615.72 लाख रुपये की अनुमानित लागत से पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग तथा जनसुविधाओं का विकास कराया जाएगा। श्री राम गुलेला मन्दिर गाटा संख्या-242 पर पब्लिक एम्निटीज एवं पार्किंग की व्यवस्था 1204.62 लाख रुपये की अनुमानित लागत से करायी जाएगी।
जनपद अयोध्या में पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत 06 स्थानों पर पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं का विकास कराने के सम्बन्ध में आयुक्त अयोध्या मण्डल द्वारा 20969.74 लाख रुपये के प्रस्ताव उपलब्ध कराये गये। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रथम अनुपूरक मांग के माध्यम से 20969.74 लाख रुपये की बजट व्यवस्था कर ली गयी है। 06 स्थानों पर पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं के विकास के लिए 03 स्थानों पर अयोध्या विकास प्राधिकरण, अयोध्या पूर्व से ही कार्यदायी संस्था नामित है। पब्लिक एम्निटीज, पार्किंग सुविधाओं तथा जनसुविधाओं का विकास हो जाने के पश्चात अयोध्या में आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं तथा आमजन को सुविधा प्राप्त होगी।
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प्रदेश में मुख्य खनिजों के अन्वेषित ब्लॉकों को ई-नीलामी के आधार पर परिहार पर व्यवस्थित
करने हेतु मै0 एस0बी0आई0 कैपिटल मार्केट लि0 को ट्रान्जेक्शन एडवाइजर तथा ई-ऑक्शन
प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने हेतु मै0 एम0एस0टी0सी0 लि0 को 02 वर्ष के लिए नामित करने का प्रस्ताव स्वीकृत
करने हेतु मै0 एस0बी0आई0 कैपिटल मार्केट लि0 को ट्रान्जेक्शन एडवाइजर तथा ई-ऑक्शन
प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने हेतु मै0 एम0एस0टी0सी0 लि0 को 02 वर्ष के लिए नामित करने का प्रस्ताव स्वीकृत
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के जनपद सोनभद्र एवं ललितपुर में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा मुख्य खनिजों के 05 ब्लॉक तथा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मुख्य खनिजों के 04 ब्लॉक अन्वेषित किये गये हैं। इसके अलावा, खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 06 सितम्बर, 2021 को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा अन्वेषित 03 खनिज ब्लॉक की अन्वेषण रिपोर्ट उपलब्ध करायी गयी। इस प्रकार प्रदेश में मुख्य खनिज के 12 ब्लॉक उपलब्ध हैं। इन अन्वेषित 12 ब्लॉकों में मुख्य रूप से रॉक फॉस्फेट, एण्डालूसाइट, स्वर्ण, ग्लूकोनाइट (पोटास), लौह अयस्क के रूप में पाया गया है। उक्त खनिजों को ई-ऑक्शन के माध्यम से परिहार पर व्यवस्थित किया जाना है। इन 12 ब्लॉकों में से 05 ब्लॉक एण्डालूसाइट के और 01 ब्लॉक प्लेटिनम समूह के धातुओं के अयस्क से सम्बन्धित हैं।
इस निर्णय द्वारा मुख्य खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित होने से राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ उर्वरक आदि उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। खनन संक्रिया तथा अन्वेषित खनिजों से सम्बन्धित उद्योगों में जनसामान्य को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकेंगे।
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मा0 मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में राज्य/जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त कुल
लगभग पांच हजार पत्रकारों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को सम्मिलित करते हुए
चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित
लगभग पांच हजार पत्रकारों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को सम्मिलित करते हुए
चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में राज्य स्तर/जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आम नागरिकों की भांति सरकारी चिकित्सालयों में उपचार की पूर्ण व्यवस्था है। परन्तु पत्रकारों के कार्य प्रकृति जोखिम भरी होने के कारण उनके स्वास्थ्य हेतु उपचार की तात्कालिकता के दृष्टिगत प्राइवेट चिकित्सालयों में मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सामाजिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया जाना है। इस चिकित्सा सुविधा हेतु राज्य/जिला स्तर पर सभी मान्यता प्राप्त पत्रकार पात्र होंगे।
प्रदेश के राज्य स्तर/जिला स्तर मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न मीडिया संस्थानों के माध्यम से कराए जाने, जन सामान्य के बीच जाकर उनकी समस्याओं एवं उनकी कठिनाइयों को सरकार तक पहंुचाने तथा सरकार की योजनाओं एवं नीतियों को जन सामान्य तक पहुंचाने के कार्य की विशिष्टता के दृष्टिगत, राज्य स्तर/जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को मा0 मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत सरकारी चिकित्सालयों के अलावा निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की सुविधा अनुमन्य करायी जाएगी।
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चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 से उ0प्र0 में आत्म निर्भर कृषक
समन्वित विकास योजना लागू किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का क्रियान्वयन करना प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मानक के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में आगामी 03 वर्ष में कुल 1475 कृषक उत्पादक संगठन का गठन राज्य बजट से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा एआई0एफ0 (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रचर फण्ड) के अन्तर्गत प्रदेश को आवंटित लगभग 12000 करोड़ रुपये के बजट के उपयोग हेतु निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति में प्रश्नगत योजना से सहायता प्राप्त होगी। इसके अन्तर्गत कृषि अवसंरचनाओं का सतत विकास होगा। भारत सरकार द्वारा उक्त योजना के अन्तर्गत 03 प्रतिशत वार्षिक उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु प्रदान करने के साथ-साथ 02 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण की गारन्टी की सुविधा भी प्रदान किया जाता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 10,000 एफ0पी0ओ0 के गठन के लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश में भारत सरकार की संस्थाओं यथा नाबार्ड, नैफेड एस0एफ0ए0सी0 तथा एन0सी0डी0सी0 द्वारा प्रतिवर्ष 200 कृषक उत्पादक संगठनों (एफ०पी०ओ०) के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2031-32 तक परियोजना का क्रियान्वयन किए जाने के फलस्वरूप राज्य सरकार पर समेकित रूप से 1220.92 करोड़ रुपये का व्यय भार सम्भावित है। इसके मुख्य घटक निम्नवत है:-
घटक-1 कृषि उत्पादन संगठन का विकास एवं प्रोत्साहन उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम एक कृषक उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार के मानकों के समान राज्य सरकार के बजट से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 225 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन, वर्ष 2022-23 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन तथा वर्ष 2023-24 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार 1475 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन योजनान्तर्गत किया जाएगा। इस प्रयास से वित्तीय वर्ष 2023-24 के अन्त तक प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में न्यूनतम 03 फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियाँ स्थापित हो जायेंगी। उक्त परियोजना अवधि में लगभग 634.25 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है। इससे लगभग 14.75 लाख शेयर होल्डर किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।
घटक-2 केन्द्र सरकार द्वारा गठित कृषि अवस्थापना निधि के उपयोग हेतु प्रोत्साहन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 01 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना निधि (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड) का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश को लगभग 12000 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा लाभार्थियों को 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान के साथ-साथ 02 करोड़ रुपये तक के ऋण की बैंक गारन्टी भी उपलब्ध करायी जाती है।
उप घटक-1 सहकारी संस्थाओं (पैक्स) को प्रोत्साहन 1500 पैक्स को एक मुश्त 60 करोड़ रुपये मार्जिन मनी सहायता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है। फलस्वरूप सम्बन्धित समस्त पैक्स को 01 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर कृषि अवस्थापना सृजन हेतु संकलित रूप से 240 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध होगा। इससे लगभग 1500 प्रत्यक्ष 3000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ-साथ लगभग 22.50 लाख कृषकों को सीधा लाभ प्राप्त होगा।
उप घटक-2 कृषक उत्पादक संगठनों को पोस्ट-हार्वेस्ट अवस्थापना सुविधाओं हेतु प्रोत्साहन-कृषि अवस्थापना निधि के अन्तर्गत उपलब्ध ऋण पर 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। प्रश्नगत योजनान्तर्गत 05 वर्ष में कुल 1500 कृषक उत्पादक संगठनों को 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु दिये जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार योजना के प्रत्येक कृषक उत्पादक संगठन को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। इससे सम्बन्धित संगठनों द्वारा संकलित रूप से 2250.00 करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न उद्यम स्थापना हेतु किया जाना प्रस्तावित है। ब्याज उपादान मद में संकलित रूप से 239.55 करोड़ रुपये का ब्याज भार अनुमानित है।
उप घटक-3 कृषक उद्यमियों को प्रोत्साहन-प्रश्नगत योजनान्तर्गत 05 वर्ष की अवधि में 5000 कृषक उद्यमियों को उनके उद्यम स्थापना हेतु 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज उपादान 07 वर्ष की अवधि हेतु प्रदान किये जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार योजना के प्रत्येक कृषक उद्यमी को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। प्रश्नगत योजना के लाभार्थियों/उद्यमियों द्वारा संकलित रूप से 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। ब्याज उपादान मद में संकलित रूप से 270.90 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है।
उप घटक-4 मण्डी समितियों को कृषि अवस्थापना निधि के उपयोग हेतु प्रोत्साहन-प्रदेश की 27 मण्डियों में किसानों के उपयोगार्थ अवस्थापना सुविधाओं के सृजन पर 140 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इसके सापेक्ष प्रश्नगत योजनान्तर्गत 126 करोड़ रुपये के ऋण पर 03 प्रतिशत ब्याज उपादान प्रस्तावित है। इस प्रकार योजना सेे प्रत्येक मण्डी को कुल 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से ब्याज उपादान प्राप्त होगा। इस पर 07 वर्ष की अवधि में संकलित रूप से 15.12 करोड़ रुपये का कुल व्यय भार सम्भावित है। प्रश्नगत योजना से सतत रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
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बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग में डिजिटली इनेबल्ड शिक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से शैक्षिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किये जाने एवं विश्वस्तरीय तकनीकी सहयोग प्राप्त करने हेतु भारत सरकार के माध्यम से विश्व बैंक से वित्त पोषण प्राप्त करने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने प्रशासकीय विभागों एवं विश्व बैंक से समन्वय कर प्रारम्भिक परियोजना प्रस्ताव (पी0पी0आर0) तैयार कर आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषण आदि औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने हेतु बाह्य सहायतित परियोजना विभाग को नोडल विभाग नामित किये जाने तथा इस हेतु सचिव, बाह्य सहायतित परियोजना विभाग की अध्यक्षता में प्रशासकीय विभागों के अधिकारियों की समन्वय समिति गठित किये जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य के सभी छात्र-छात्राओं को तेजी से प्रगतिशील राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक और प्रौद्योगिकी से समृद्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शासकीय विद्यालयों मंे अध्ययनरत समस्त (प्री-स्कूल से अण्डर ग्रेजुएट स्तर तक) के छात्र-छात्राओं के बेहतर शिक्षण परिणाम हेतु डिजिटली इनेबल्ड शिक्षा प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अवधारित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर कक्षा 12 तक सिस्मेटिक कैपेसिटी बिल्डिंग की आवश्यकता तथा क्षमता संवर्धन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की अपरिहार्यता है।
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