महुवरिया स्थित बीएलजे मैदान आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन बुधवार को बापू चिन्मयानंद ने कहा कि धरती पर सब कुछ मिलना संभव है लेकिन भरत जैसा भाई मिलना असंभव है। बापू ने कहा कि प्रभु राम को केकई जैसा प्रेम और कोई कर ही नहीं सकता। कहा माता कैकई ने प्रभु की ईच्छा से ही प्रभु को बनवास मांगा। कहा महाराज दशरथ प्रभु राम का वियोग सह ना सके। पूर्व में श्रवण कुमार के द्वारा लगे श्राप का स्मरण करते हुए उन्हें पुत्र वियोग में अपनी जान गवानी पड़ीं। बापूजी ने केवट प्रसंग की कथा का भी भक्तों को रसपान कराया। कहा कि मानस का बड़ा हटीला भक्त केवट है। जिसकी भक्ति में कोई लोभ नहीं है सिर्फ वह प्रभु के चरण रज पाने के लिए चरण धुलने के लिए व्याकुल था।
भरत चरित्र की कथा का रसपान कराते हुए उन्होने भरत के अनन्य प्रेम की कथा का रसपान कराया। बाद में राम रावण युद्ध की कथा सुनाते हुए रावण का वध कराया और रामराज अभिषेक करते हुए कथा को विराम दिया

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने