तो शराब का काला कारोबार चलाने के लिए ओढ़ रखा था पत्रकारिता और वकालत का चोला
बहुरूपिया नलकूप ऑपरेटर का उरई कोतवाली में शराब माफिया के रूप में है नाम दर्ज
तीन नलकूपों के संचालन की सरकारी अभिलेखों में व्यवस्था देख रहा ऑपरेटर के काले कारनामे अनगिनत है। जिनको एक अंक में देना संभव नही। उरई कोतवाली में शराब माफिया के रूप में यह सरकारी नलकूप ऑपरेटर पर पुलिस कार्यवाहियां शुरू हो गयीं। तो बहुरूपिया नलकूप ऑपरेटर ने सबसे पहले जालसाजी की मंशा के तहत खुद को स्वघोषित पत्रकार प्रचारित किया। जिसके साथी बने कथित और ब्लैकमेलर पत्रकारों ने सुनियोजित ढंग से यह जानते हुए भी की सरकारी व्यक्ति पत्रकार नही हो सकता फिर भी बहुरूपिया ऑपरेटर को प्रमोट करने के मकसद से एक पत्रकार संगठन पंजीकरण कराया। सच छुपाकर सोसायटी रजिस्ट्रार को गुमराह करते हुए पंजीकृत कराये संगठन के अध्यक्ष का परिचय देकर बहुरूपिये ऑपरेटर ने सबसे पहले नलकूप ऑपरेटर में ऐसी धौंस और धमक बनाई की वह पत्रकार बनकर अन्य अधिकारियों को ब्लैकमेल करता रहा और कभी ड्यूटी पर नही गया लेकिन विभागीय अधिकारियों में किसी की उंसके विरूद्ध बोलने की हिम्मत नही पड़ी। लेकिन पुलिस इसकी हकीकत से वाखिफ थी तो समय समय यह पुलिस के रडार पर चढ़ता रहा।कार्यवाही भी होती रही। चूकि यह पत्रकार नही था तो रियल पत्रकारों ने इसको कभी स्वीकार नही किया। फिर इसके शातिर दिमाग में एक और खुराफात सूजी और इसने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद बार काउंसिल और उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में पंजीकृत कराते हुए खुद को हाईकोर्ट का वकील घोषित कर दिया। सफेद रंग की कार में हाई कोर्ट वकील प्रिंट कराकर खुले रूप से कानून को ठेंगा दिखाने लगा। हालांकि इसके दबंगईं पर पूर्व डीएम का बुलडोजर चल चुका है ।यह कहानी अगले अंक में पढ़ने को मिलेगी। अवैध शराब के गौरखधंधे में अवैध कमाई से बढ़ी दिलचस्पी के चलते यह पत्रकार और वकील जैसे दोनों पवित्र पेशों को बदनाम करने में व्यस्त रहा। अब डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब ने इसको इसके अंजाम तक पहुचाने के लिए कदम बढ़ा दिए है। जिससे इसकी रातों की नींद उड़ गई है। अब सोमवार को डीएम एसपी से मिलकर कार्यवाही के लिए अनुरोध किया जाएगा। तब तक एक प्रपत्र और जिसका इंतजार है वह मिल जाएगा।
दोस्तो मुझे मेरे कुछ शुभचिंतकों ने बताया कि जब कोई इसका विरोध करता तो यह अपनी कुछ महिला मित्रो,दलित व्यक्ति को आगे करके दबाव बनाने का प्रयास करता है। लेकिन उसका हम या हमारे किसी पत्रकार साथियो पर दबाव नही चलने वाला। पुलिस,प्रशासन, जिला जज सबको लिखित रूप से अवगत करा दिया गया है।
अनिल कुमार जलौन
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