मतदान केन्द्र सिंहपुर मे आयोजित हुआ ई.वी.एम. व वी.वी. पैट जागरूकता कार्यक्रम

बहराइच 12 दिसम्बर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ई.वी.एम. (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) तथा वी.वी. पैट हेतु व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश के अनुपालन में ई.वी.एम. व वी.वी. पैट की जागरूकता के उद्देश्य से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 287-पयागपुर अन्तर्गत मतदान केन्द्र सिंहपुर के बूथ संख्या 291 एवं 292 पर ई.वी.एम. व वी.वी. पैट जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी पयागपुर दिनेश कुमार ने बताया कि जागयकता कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामवासियों को ई.वी.एम. व वी.वी. पैट के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। 
                 :ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश के 27.59 लाख कृषकों को रु. 2410.35 करोड़ फसल की क्षतिपूर्ति का किया भुगतान
बहराइच 12 दिसम्बर। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ कृषि की विभिन्न मौसमी व बारहमासी फसलों में लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी रहती है जहाँ कृषि से उसे रोजगार, मिलता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास में कृषि की सफलता देश को आर्थिक प्रगति के मार्ग की तरफ अग्रसर करती है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में भी कृषि क्षेत्र का लगभग 20 प्रतिशत योगदान है। देश के विकास में चल रही योजनाओं की सफलता में भी कृषि का योगदान होता है। मनुष्य को जीवन जीने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। आज बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए भी जमीन से उत्पन्न होने वाली विभिन्न फसलांें के अधिक उत्पादन की आवश्यकता है। विभिन्न उद्योग-धन्धे, व्यवसाय भी कृषि पर आधारित होते हैं। ऐसे में किसानों की फसलों को दैवीय आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करना जरूरी हो गया।
किसानों के हित में प्रदेश सरकार अनेकों कल्याणकारी एवं फसलोत्पादन में लाभकारी योजनायंे संचालित कर उनकी आय दोगुनी करने में भरपूर सहयोग दे रही है। किसान वर्ष भर मेहनत कर खेत की जुताई, बुआई, निकाई, सिंचाई एवं खाद डालकर फसल तैयार करता है। फसलों में विशेषकर खरीफ व रबी की फसलें होती हैं। खेती किसानी में किसान के पूरे परिवार की मेहनत लगती है। समर्पित एवं कड़ी मेहनत करते हुए परिवार को अच्छे ढंग से पालन पोषण की आशा बनाये रखकर किसान फसल तैयार करता है। किन्तु यदि अधिक वर्षा, आँधी, तूफान, पाला, बर्फबारी, ओले, कीट, फसलरोगो, आग आदि दैवी आपदा आ गई और फसल नष्ट हुई तो किसान की पूरी मेहनत और लागत बरबाद हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसान सड़क पर आ जाता है, उसकी समस्त कमाई नष्ट हो जाती है। सिर पर हाथ रखकर रोने के सिवा किसान के पास कुछ नहीं होता।
ऐसी स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए किसानों की आपदा के दौरान नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति करने और किसानों को सम्बल प्रदान करने के लिए ही भारत सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जनवरी 2016 से शुभारम्भ किया है। इस योजना के लागू होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। जो किसान ऋण/उधार पैसे लेकर खेती में लगाते थे, उन्हंे इस योजना से बड़ा फायदा हो रहा है तथा उनकी आय में स्थायित्व भी आ रहा है। भारत सरकार की यह योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया गया है।
इस योजना में ऋणी कृषक अनिवार्य रूप से तथा अन्य कृषक स्वैच्छिक आधार पर सम्मिलित किये गये हैं। बीमित राशि को फसल के उत्पादन लागत के बराबर जनपद स्तर पर अधिसूचित किया गया है। सभी फसलों हेतु वास्तविक प्रीमियम दर लागू किये गये हैं। प्रीमियम मद में कृषक की देयता को खरीक फसल में अधिकतम 2 प्रतिशत तथा रबी फसल में अधिकतम 1.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। नकदी व औद्यानिकी फसलों हेतु प्रीमियम मद में कृषक की देयता अधिकतम 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया हैं। कृषक द्वारा वहन किये जाने वाले प्रीमियम अंश से अधिक व वास्तविक प्रीमियम दर में अन्तर की समस्त धनराशि को अनुदान के रूप में केन्द्र व राज्य द्वारा बराबर वहन किया जाता है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में फसल की उत्पादन लागत के अनुरूप बीमित राशि निर्धारित की गई है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक पहुंचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 के खरीफ 2017 में 25.81 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.83 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 4.01 लाख कृषकों को रू0 244.86 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2017-18 में योजनान्तर्गत 28.39 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.24 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से 1.88 लाख कृषकों को रू0 129.12 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2018-19 में खरीफ 2018 में योजनान्तर्गत 31.69 लाख बीमित कृषकों द्वारा 27.41 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों की बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 5.69 लाख कृषकों को रू0 434.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2018-19 में योजनान्तर्गत 29.66 लाख बीमित कृषकों द्वारा 24.26 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से 0.38 लाख कृषकों को रू0 18.39 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
इस योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 के खरीफ 2019 में 23.89 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.89 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया, जिसमें 6.28 लाख कृषकों को रू0 813.88 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2019-20 में 23.32 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.09 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें 3.41 लाख कृषकों को रू0 279.50 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2020-21 के खरीफ 2020 में योजनान्तर्गत 22.18 लाख बीमित कृषकों द्वारा 16.88 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें से 4.18 लाख कृषकों को माह अक्टूबर, 2021 तक रू0 297.89 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। रबी 2020-21 में 19.87 लाख बीमित कृषकों द्वारा 14.77 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया तथा दिनांक 31.10.2021 तक 2.10 लाख कृषकों को रू0 192.44 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2021-22 के खरीफ 2021 में योजनान्तर्गत 21.60 लाख कृषकों द्वारा 15.61 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया। इस प्रकार अद्यतन अक्टूबर, 2021 तक कुल 226.41 लाख बीमित कृषकों द्वारा 182.98 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें 27.59 लाख कृषकों को रू0 2410.35 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है।
                      :ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने